इंफ़ाल। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को मणिपुर से भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू की जिसके जरिये पार्टी का प्रयास होगा कि लोकसभा चुनाव में बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों को विमर्श के केंद्रबिंदु में लाए जाए। इंफाल के बोथल से बस के जरिये यात्रा शुरू करने से पहले राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाली जा रही है क्योंकि देशवासी भारी अन्याय का सामना कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी का लक्ष्य एक ऐसे भविष्य का दृष्टिकोण पेश करना है जो सद्भावना, समान भागीदारी और भाईचारे से भरा हो।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यात्रा शुरू करने से पहलेखोंगजोम युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। राहुल गांधी ने कहा, 2004 से राजनीति में हूं। पहली बार हिंदुस्तान के एक प्रदेश गया हूं जहां पूरी व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। जिसे आप मणिपुर कहते थे, वो अब रहा ही नहीं। उन्होंने दावा किया, देश के प्रधानमंत्री आज तक यहां लोगों के आंसू पोंछने, हाथ पकड़ने नहीं आए। शायद भाजपा, आरएसएस के लिए मणिपुर देश का हिस्सा नहीं है। कांग्रेस की यात्रा शुरू करने के लिए राज्य का चुनाव किए जाने का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा, सवाल उठा था कि यात्रा शुरू कहां से होनी चाहिए? मैंने साफ कहा कि यह यात्रा मणिपुर से ही शुरू होनी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि मणिपुर में जो हुआ वो भाजपा, आरएसएस की नफरत की राजनीति का प्रतीक है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में तानाशाही चलायी जा रही है और भाजपा लोकतंत्र को खत्म करने में जुटी है। राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा को हरी झंडी दिखाने से पहले उन्होंने यह दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मणिपुर वोट मांगने तो आए थे, लेकिन राज्य के लोग जब हिंसा के कारण मुश्किल में आए तो वह नजर नहीं आए। उनका कहना था कि राहुल गांधी ने न्याय यात्रा के जरिये ऊंची उड़ान का हौसला बनाया है।
खरगे ने कहा कि राहुल गांधी चार सिद्धांतों न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुत्व के लिए लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने इस यात्रा के लिए विपक्षी गठबंधन इंडिया के अपने सहयोगी दलों के नेताओं को भी आमंत्रित किया है और उसे उम्मीद है कि विभिन्न राज्यों में इस गठबंधन से जुड़े दलों के प्रमुख नेता यात्रा का हिस्सा बनेंगे। कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले निकाली जा रही यह यात्रा 67 दिन में 15 राज्यों और 110 जिलों से होकर गुजरेगी।