असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने हिमंत बिस्वा सरमा को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने 20 जनवरी को दावा किया कि हिमंत बिस्वा सरमा जेल जाने के डर से भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था। भूपेन बोरा ने कहा कि सरमा संभावित कानूनी परेशानियों खासतौर से विशेषकर जेल जाने के डर को लेकर काफी चिंतित थे।
भूपेन बोरा ने अपनी पत्नी के साथ सरमा की बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि उसने कहा था कि वो जेल नहीं जा सकता है। भूपेन बोरा ने कहा कि इस बातचीत के बाद सिर्फ दो दिन में ही हिमंत बिस्वा सरमा ने भाजपा में शामिल होने का फैसला कर लिया था। बोरा ने सरमा के पाला बदलने के आसपास की परिस्थितियों पर बोलते हुए 2014 की राजनीतिक पृष्ठभूमि का खुलासा किया। उस समय भाजपा नेता एसएस अहलूवालिया ने गुवाहाटी में घोषणा की कि लुईस बर्जर और सारदा घोटालों सहित भ्रष्टाचार के मामलों को फिर से खोला जाएगा। इसके साथ ही सरमा की पत्नी को दो बार कोलकाता स्थित सीबीआई कार्यालय में बुलाया गया था।
घटनाओं के क्रम पर प्रकाश डालते हुए बोरा ने दावा किया कि सरमा ने भाजपा में शामिल होने से दो दिन पहले दिल्ली में उनसे संपर्क किया था। बोरा ने तरुण गोगोई के कार्यकाल के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर अपने भविष्य पर भरोसा जताते हुए सरमा को इंतजार करने की सलाह दी। हालाँकि सरमा ने कथित तौर पर एक अलग मकसद का खुलासा किया जिसमें कहा गया कि उन्हें भाजपा में शामिल होना पड़ा क्योंकि उन्हें कांग्रेस में अपने लिए कोई भविष्य नहीं दिख रहा था। बोरा ने अब कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिए सरमा की आलोचना करते हुए कहा कि कानूनी नतीजों के डर से सरमा खुद भाजपा में शामिल हो गए हैं।