मां प्रसन्न देवास टेकरी पर नौ दिन 24 घंटे दर्शन
भोपाल,।
प्रदेश सरकार के फैसले के बाद गत दिवस गृह विभाग ने नवरात्रि-दशहरे को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस बार भक्तजन माता के अलग-अलग मंदिरों में थोड़े बहुत प्रतिबंधों के साथ दर्शन, भंडारा कर सकेंगे। देवास टेकरी पूरे नौ दिन चौबीसों घंटे खुली रहेगी। नवरात्रि के दौरान रात दस बजे तक ही गरबा हो सकेंगे। कलेक्टर को गरबे के संबंध में सूचना देना जरूरी होगा। दरअसल, गरबा स्थल पर पंडालों में रात दस बजे तक ही डीजे, बैंड या ढोल बजाने की अनुमति रहेगी। वहीं, दशहरे पर रामलीला का मंचन भी किया जा सकेगा, लेकिन मैदान या हॉल की कैपेसिटी से पचास प्रतिशत लोग ही शामिल हो सकेंगे। रावण दहन के पहले चल समारोह सिर्फ प्रतीकात्मक तरीके से निकाले जा सकेंगे। रावण दहन के बड़े पैमाने पर आयोजन नहीं होंगे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए बचाव के उपाय किए जाने जरूरी होंगे। इसमें नवरात्रि दशहरे के साथ ही कोचिंग क्लास, जिम स्टेडियम, स्वीमिंग पूल, शादी-अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की संख्या, रेस्टोरेंट-क्लब, स्टेडियम आदि को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। और ये हैं निर्देश – रात 11 से सुबह छ: बजे तक नाइट कफ्र्यू जारी रहेगा, चल समारोह प्रतिबंधित रहेंगे, जिन जिलों में उपचुनाव होना है, वहां 29 सितम्बर को निर्देश लागू रहेंगे। देवास वाली माता – देवास टेकरी पर माता चामुंडा छोटी माता और मां तुलजा भवानी बड़ी माता के दर्शन नौ दिन तक 24 घंटे हो सकेंगे। हालांकि गर्भगृह में प्रवेश नहीं हो सकेगा। दर्शनार्थियों के लिए किसी भी प्रकार की कोई पांबदी नहीं है। सतना मैहर वाली माता – भक्त मैहर वाली माता के दर्शन बाहर लगी रैलिंग से ही कर सकते हैं। प्रतिदिन तीन बार माता रानी की आरती में शामिल हो सकते हैं। लड़के सुबह 3.45 बजे, फिर दोपहर में एक बजे और शाम को सात बजे, रात दस बजे तक माता के दर्शन कर पाएंगे। यहां नारियल फोडऩे पर मनाही है। दतिया पीतांबरा माता मंदिर – नवरात्रि पर भक्त पीतांबरा माता मंदिर के गर्भगृह में भी प्रवेश वर्जित रहेगा। भक्तों को चार मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरना पड़ेगा। सुबह सात बजे, शाम सात बजे औ रात नौ बजे श्रृंगार आरती में भक्त शामिल हो सकते हैं। मंदिर में सुबह पाँच बजे से रात दस बजे तक एंट्री मिलेगी। नलखेड़ा मां बगलामुखी मंदिर – नलखेड़ा में मां बगलामुखी के दर्शन सुबह पांच बजे मंदिर के पट खुलने के बाद से रात 11 बजे तक हो सकेंगे। भक्त सुबह छ: बजे से 6.30 बजे तक और शाम 7.30 बजे से आठ बजे तक आरती में सामूहिक रूप से शामिल हो सकते हैं। बेरिकेट्स से होकर लाइन में गुजरना होगा। भंडारा नहीं होगा। रतनगढ़ माता मंदिर दतिया – सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक आरती में भक्त शामिल हो सकते हैं। मंदिर में भंडारा इस बार भक्तों द्वारा किया जा सकता है, लेकिन परमिशन लेनी होगी। मंदिर में मोबाइल पर्स बेल्ट इत्यादि पर रोक नहीं है। सलकनपुर माता मंदिर – सलकनपुर माता मंदिर में सुबह चार बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम सात बजे आरती होगी। भक्त माता को प्रसाद चढ़ा सकते हैं। यहां पर इस बार भंडारे चलेंगे। लगातार 21 घंटे दर्शन होंगे। सिर्फ रात 12 से सुबह तीन बजे तक मंदिर बंद रहेंगे।