शादियों का सीजन शुरु, बाजारों में लौटी रौनक
गंजबासौदा,
अप्रैल माह से शादी विवाह के आयोजन आरंभ हो गये हैं। 17 अप्रैल को मुहूत के कारण शहर में चारों तरफ शहनाईयां गूंजी। विगत दो वर्षो के दौरान कोरोना महामारी के चलते शादियों तो हुई थी, लेकिन कोरोना गाइडलाइन की बताई गई पाबंदियों के साथ हुई। अब इस महामारी से राहत मिलने के बाद शादी विवाह के आयोजन सरकार द्वारा बंदिशें हटाने से पूर्व की भांति शुरु हो गये हैं। विद्वान पंउितों के जानकारी के अनुसार गत 15 अप्रैल से शादी विवाह के मुहुर्त आरंभ हो गये हैं जो निरंतर आठ जुलाई तक रहेंगे। इस दौरान कुल शादियों के 43 मुहूर्त बताये गये हैं जिसमें अप्रैल माह में 11 मई में 13 और जून से 15 जुलाई तक चार मुहूर्त रहेंगे। इसके बाद शादी विवाह के लिये कोई मुर्हू नहीं बताया गया है। देवउठनी एकादशी तक विवाहों पर रोक लग जाएगी। जिसके बाद 24 नवम्बर से विवाह के मुहूर्त विधवानों बताये गये हैं। इधर शादियों को लेकर बाजार में खरीदारी बढ़ गई है। वतर्मान में महंगाई की मार के चलते सबसे ज्यादा मध्यमवर्गीय लोगों को परेशोनयों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा बजट लोगों का इसलिये गड़बड़ा गया है कि गेंहू से लेकर खाद्य पदार्थ शादी समारोह में खरीदे जाने वाली सामग्रियों सभी ऊंचे दामों पर मिल रही हैं तथा समारेाह में मावा, पनीर, मीठा तेल, डालडा यहां तक कि साग-सब्जियां भी ऊंचे दामों पर मिल रही हैं। जिसके चलते बढ़ती जा रही महंगाई को लेकर मध्यमवर्गीय परिवारों में खासी टीस दिखाई दे रही है। लोगों का कहना है कि सरकार द्वारा निर्धन और गरीबी रेखा के नीचे जलवन यापन करने वाले लोगों को लाभान्वित कराने की जन कल्याणकारी योजनाएं सैंकड़ों की तादाद में बनाई गई है लेकिन उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। अब शादी विवाह के दौरान गंतव्य स्थल तक आने जाने वाले वाहनों का किराया भी इस महंगाई की मार से अछूता नहीं रहा है। जिसका मुख्य कारण डीजल पेट्रोल के दामों में होती गई निरंतर वृद्धि के कारण उनके मालिकों द्वारा इनके उपयोग में आने वाली बसों तथा भड़े पर मिलने वाली बसें तथा भाड़े पर मिलने वाली फोर व्हीलरों का किराया भी काफी बढ़ गया है। जिस कारण पूरे शादी समारोह का आयोजन आयोजकों के लिये काफी महंगा हो गया है। महंगाई की मार ने लोगों को आहत कर दिया है। जिसमें खास तोर से निर्धन वर्ग के लोग और मध्यम वर्गीय परिवार इस महंगाई की रफ्तार से बच नहीं पाये हैं। लोगों ने बताया कि जो खाद्य तेल कोरोना महामारी के पूर्व 75 और 80 रुपये किलो मिलता था अब वही तेल वर्तमान में 160 रुपये से लेकर 175 रुपये तक मिल रहा है। साथ ही गेंहू के भाव भी इस बार करीब 300 रुपये से लेकर 500 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गये हैं तथा शादी समारोह के दौरान उपयोग आने वाले खाद्य सामग्री में खास तौर से मिश्ठान बनाने के लिये मावा अब वर्तमान में करीब 300 रुपये किलो बाजार में बिक रहा है। वहीं पनीर भी करीब 50 रुपये किलो महंगा हो गया है। शक्कर, मठा, दूध सहित मिर्च मसाले ही सभी काफी महंगे हो गये हैं। इन दिनों देखा जाये तो सब्जियों के भाव भी काफी महंगे हो गये हैं। इन दिनों बाजारों में गिलकी 80 रुपये किलो, लौकी 40 रुपये किलो, भिंडी 80 रुपये किलो, गोभी, भटे 40 रुपये किलो सहित अन्य सब्जियों भी महंगी मिल रही हैं।