अभूतपूर्व बिजली संकट से जूझ रहा है संपूर्ण उत्तर प्रदेश इसके लिये पूरी तरह से ऊर्जा मन्त्रालय दोषी- आराधना मिश्रा

लखनऊ 28 अप्रैल (आरएनएस)। श्रीमती आराधना मिश्रा मोना, नेता, कांगे्रस विधान मण्डल दल, उ.प्र. ने कहा है कि इस समय संपूर्ण उत्तर प्रदेश अभूतपूर्व बिजली संकट से जूझ रहा है, और इसके लिये पूरी तरह से उत्तर प्रदेश का ऊर्जा मन्त्रालय दोषी है। आज मांग और उत्पादन के बींच 4000 मेगावाट का अंतर है। पिछले 5 सालों में भारतीय जनतापार्टी की सरकार ने उत्तर प्रदेश में एक भी पॉवर प्रोजेक्ट/पावर प्लाण्ट नहीं लगाये। यदि प्रदेश में पॉवर प्लाण्ट लगाये होते तो आज मांग और उत्पादन के बींच में इतना बड़ा 4000 मेगावाट का अंतर नहीं होता ।
नेता, कांगे्रस विधान मण्डल दल ने कहा है कि जब मौसम विभाग लगातार मार्च और अप्रैल माह में अभूतपूर्व गर्मी पडऩे की भविष्यवाणी कर रहा था तब उस समय बिजली विभाग ने 4000 मेगावाट बिजली खरीदने का कोई प्रयास नहीं किया, जबकि बिजली बकाये के नाम पर ग्रामीण क्षेत्रों में जबरन गरीब एवं मध्यम वर्गीय लोगों के बिजली के कनेक्शन काटे जा रहे थे, उन पर बिजली चोरी की एफ.आई. आर. दर्ज करायी जा रही थी और उनसे जबरन धनराशि की वसूली की जा रही थी ।
बिजली के इस अभूतपूर्व संकट के लिये उत्तर प्रदेश सरकार की अदूरदर्शिता और अकर्मण्यता पूर्णत: जिम्मेदार है। अदूरदर्शिता इसलिये कि उसने संभावित खतरे को देखते हुये बिजली की उपलब्धता आवश्यकतानुसार सुनिश्चित नहीं की। और अकर्मण्यता, इसलिये कि समय रहते पांच साल उसने बिजली का उत्पादन नहीं बढ़ाया ।
उत्तर प्रदेश सरकार अतिशीघ्र 4000 मेगावाट बिजली खरीद कर व्यवस्था सुनिश्चित करे जिससे प्रदेश की जनता को इस अभूतपूर्व संकट से बचाया जा सके।
नेता, कांगे्रस विधान मण्डल दल ने कहा है कि ए.बी.जी. शिपयार्ड घोटाले में हुई सी.बी.आई. जांॅच से अब यह साफ हो गया है कि 28 से अधिक बैंकों का धन गबन किया गया और आपराधिक षडय़ंत्र करके जनता का पैसा लूटा गया ।
काफी बिलम्ब करने के बाद भी आखिरकार सी.बी.आई. को स्वीकार करना ही पड़ा कि केन्द्र सरकार के कार्यकाल में 2,28,42,00 00 000 रुपये का घोटाला किया गया, इसलिये वित्त मन्त्रालय अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता, और मोदी सरकार को इस घोटाले की जिम्मेदारी स्वीकार करनी पडेगी।
नेता, कांगे्रस विधान मण्डल दल माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रदेश सरकारों से यह अनुरोध करना कि वे पेट्रोल और डीजल से वैट/टैक्स की दर घटायें। यह वैसा ही है जैसे ‘‘पर उपदेश कुशल बहुतेरे’’ । क्योंकि स्वयं ‘‘मोदी सरकार’’ जब से सत्ता में आई है, केन्द्रीय उत्पादन कर (ब्मदजतंस म्गबपेम क्नजल) कई गुना अधिक बढ़ा दिया है, जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बहुत कम थी तो उस समय भी पेट्रोल और डीजल के दाम कम नहीं किये गये। और इस तरह 25 से 30 लाख करोड़ रुपये कम्पनियों को कमाने की छूट दी गयी, तथा जनता की गाढ़ी कमाई को जनता की जेब से निकालकर दो- चार पंूॅूजीपतियों की तिजोरी में पहंॅुचाने का खुलकर लूट किया गया। और माननीय प्रधानमंत्री जी आज प्रदेश सरकारों को उपदेश दे रहे हैं जिन्हें स्वयं अपने राज्य के जरूरी खर्चे पूरे करने के लिये इक्साईज जैसे टैक्सों पर निर्भर रहना पड़ता है ।

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