सघन डायरिया नियंत्रण पखवाडे का शुभारंभ हुआ
चमोली
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित दस्त (डायरिया) से बचाव एवं प्रबन्धन के लिए सघन डायरिया नियंत्रण पखवाडे का सोमवार को जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में शुभारंभ किया गया। यह पखवाडा 01 से 14 अगस्त 2022 तक चलाया जाएगा। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीपी सिंह ने बताया कि 0-5 वर्ष तक के बच्चों को ड़ायरिया से बचाव हेतु ओआरएस एवं दस्त से पीडित बच्चों को जिंक की गोली खिलाई जाएगी। गांव में आशा के माध्यम से 5 साल तक के सभी बच्चों को ओआरएस के पैकेट वितरित किए जाएंगे। साथ ही दस्त से पीडित बच्चों को उच्च चिकित्सा केन्द्र में बाल रोग विशेषज्ञ के पास उपचार हेतु भेजे जाएंगे। बाल रोग विशेषज्ञ डा. मानस सक्सेना ने बताया किं ओआरएस की खोज इस सदी की चिकित्सा जगत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अलग-अलग उम्र के बच्चों के लिए ओआरएस की अलग मात्रा दी जानी चाहिए। बताया कि 2 माह से कम आयु के बच्चे को 5 चम्मच ओआरएस प्रत्येक दस्त के बाद दी जानी चाहिए तथा 2 माह से 2 वर्ष तक के बच्चे को आधा कप तक प्रत्येक दस्त के बाद और 2 वर्ष से 5 वर्ष तक के बच्चे को आधे से एक कप प्रत्येक दस्त के बाद दिया जाना चाहिए। जिंक की गोली 2 माह से 6 माह तक के बच्चे को आधी गोली और 6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चे को पीने का पानी या मॉं के दूध में घोलकर एक गोली पिलाऐं। जिंक यानि दस्त की अधिकता को कम करने एवं रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाने हेतु 14 दिन तक प्रतिदिन एक बार अवश्य पिलाऐं। वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डा0 यशोदा पाल ने बताया कि बच्चों को दस्त के दौरान भी बच्चे को स्तनपान करवाते रहें। मॉं का दूध बच्चे के लिए रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाने में लाभकारी होता है। बच्चों को दस्त से बचाव हेतु बोतल में पैक दूध ना पिलाऐं। जिला आईईसी प्रबन्धक उदय सिंह रावत ने बताया कि ओआरएस एवं जिंक के उपयोग के प्रति जागरूकता बढाना एवं जनसमुदाय में दस्त के खतरे से निपटने के लिए हमें अपने व्यवहार में दस्तरोधी स्वास्थ्य अनुरूप आदत का पालन करना चाहिए।
पखवाडे के शुभांरभ के अवसर पर बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा 5 वर्ष तक के 27 बच्चों स्वास्थय परीक्षण एवं दवा वितरण की गई। इस दौरान जिला वैक्सीन कोल्ड़ चैन प्रबंधक महेश देवराड़ी, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक विपिन कुमार, जिला गुणवŸाा प्रबंधक रणजीत सिंह रावत, बीमार बच्चों के तीमारदार एवं अभिभावक आदि मौजूद थे।