बैलट बॉक्स बूथ पर ही भूल गए कर्मचारी
लखनऊ
पंचायत चुनाव भी बड़े दिलचस्प हो गए हैं. रोज नए नए किस्से सुनने को मिलते हैं. इन चुनावों में कहीं पीठासीन अधिकारी गायब हो जाता है तो कहीं कोविड पॉजिटिव भी अपनी ड्यूटी पर जाते हैं. मतदाताओं को लुभाने के लिए कहीं कोई पैसे बांट रहा है तो कोई लड्डू।
ये सब तो ठीक है पर जिन मतों के लिए ये सब किया जा रहा है अगर वो ही संदेह के घेरे में आ जाए तब क्या हो. ऐसा ही एक मामला यूपी के गोरखपुर से आया है, जहां पर कर्मचारी बैलट बॉक्स बूथ पर ही भूल जाते हैं. मतदान केंद्र पर मतदान पेटी और पीठासीन अधिकारी की मौजदूगी पर क्षेत्रीय लोगों ने जमकर बवाल काटा।
गोरखपुर के गगहा थाना इलाके के रियांव में मतदान केंद्र पर वोटिंग के लिए 10 मतपेटिकाएं गई हुई थी. मतदान कर्मचारी दो बसों से मतदान केंद्र पर पहुंचे. शाम को करीब सात बजे के आसपास मतदान कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी दो बसों में सवार होकर स्ट्रांग रूम के लिए रवाना हो गए।
बताया जा रहा है कि इस दौरान पीठासीन अधिकारी शकील अहमद दो बैलट बॉक्स के साथ पोलिंग बूथ पर ही रह गए. जब इस बात की खबर गांव वालों को लगी तो उन्होंने इसको लेकर जमकर बवाल काटा. गांववालों का कहना है कि पीठासीन अधिकारी के पास बैलट बॉक्स क्यों छोड़े गए. उनका आरोप है कि धांधली करने के लिए ये मतपेटिकाएं छोड़ी गई हैं. जबिक इस बाबत पीठासीन अधिकारी का कहना है कि उनको जानकारी नहीं हो पाई की कर्मचारी जा रहे हैं. जिसकी वजह से ये पेटियां यहां पर रह गईं।
गांववालों ने दारोगा पर भी आरोप लगाया कि वह एक प्रत्याशी के समर्थन में मतदाताओं को मारपीट रहे थे. इस दारोगा की मिली भगत है जिसके चलते ऐसा किया गया. ग्रामीण मौके पर ही धरने पर बैठ गए. बाद में मौके पर पहुंचे एसडीएम, सीओ ने ग्रामीणों को शांत कराया और रात को आनन-फानन में मतपेटिकाएं स्ट्रांग रूम में पहुंचाई गई।