नगदी फसलों के साथ परंपरागत फसलों का उत्पादन भी जरूरी: गौतम

 

विकासनगर। तहसील क्षेत्र की न्याय पंचायत भूनाड़ के केराड़ गांव में मंगलवार को कृषक महोत्सव आयोजित किया गया। महोत्सव में कृषि विभाग के साथ ही अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे, जिन्होंने किसानों को सरकारी योजनाओं की जानकारी मुहैया कराई। कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी अरविंद कुमार गौतम ने किसानों को बताया कि बागवानी और नगदी फसलों के साथ परंपरागत फसलों का उत्पादन किया जाना जरूरी है। मंडुवा, झंगोरा, चौलाई, गेहूं, जौ, बाजरा, मक्की, दलहन फसलों उत्पादन किया जाना चाहिए। इससे फसलों का चक्रीय संतुलन बना रहता है। कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के मोटे अनाज को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है। इससे परंपरागत मोटे अनाज का बाजार भाव बढ़ने के साथ ही खपत भी बढ़ गई। उन्होंने कहा कि छोटी जोत वाले ग्रामीण किसानों को उन्नत बीज, खाद उपलब्ध कराए जाने के साथ ही उन्हें नवीन तकनीकी जानकारी भी दी जा रही है। कृषि विभाग की ओर से रवाना किए गए कृषि रथ गांवों में जाकर किसानों से सीधा संवाद करने का माध्यम है। इससे अधिकारियों को कृषि क्षेत्र की वास्तविक स्थिति से रूबरू होते हैं और किसानों की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण होता है। इस दौरान सहायक कृषि अधिकारी मित्ती लाल, प्रताप सिंह, उद्यान प्रभारी इंदू भूषण कुमोला, पशुधन प्रसार अधिकारी गणेश सिंह, एडीओ कृषि गौरव सिंह, बुद्धि सिंह, अनिल भंडारी, भगत राम, धूम सिंह, कुंवर सिंह आदि मौजूद रहे।

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