गोपेश्वर में आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन

चमोली। मानदेय सहित अन्य मांगों को लेकर आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री संगठन के बैनर तले आशा कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय गोपेश्वर में प्रदर्शन किया। उत्तराखंड अखिल भारतीय स्वास्थ्य संगठन एनएचएम कर्मचारी महासंघ ने भी आशा कार्यकर्ताओं को समर्थन दिया। आशाओं ने ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को भेजा। बुधवार को आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री संगठन की जिलाध्यक्ष पवित्रा बिष्ट, जिला मंत्री सनीता राणा ने कहा कि लंबे समय से आशा कार्यकर्ता मांगों को लेकर सरकार से गुहार लगा रही हैं, लेकिन उनकी मांगों पर सरकार की ओर से कोई गौर नहीं किया जा रहा है। जबकि कोरोना काल से लेकर अन्य कार्यों में उनकी ओर से सभी दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है। उनके संगठन की कई कार्यकर्ताओं को सरकार और प्रशासन की ओर से सम्मानित भी किया गया है लेकिन सरकार है कि उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि उनका संगठन अपनी 21 सूत्रीय मांग को लेकर लगातार शासन और सरकार से वार्ता करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी प्रमुख मांगों में आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय 18 हजार रुपये प्रतिमाह करने की मांग की है। आशा कार्यकत्रियों को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए, आशा कार्यकत्रियों का पांच लाख का बीमा किया जाए और आशा कार्यकर्ताओं के सभी कार्यों का भुगतान प्रतिमाह किया जाए। अनुभवी आशा कार्यकर्ताओं को टीकाकरण का प्रशिक्षण की व्यवस्था ब्लॉक तथा जिला स्तर पर की जाए। आशा कार्यकर्ताओं के गणवेश का भुगतान तीन हजार रुपये भत्ते के रूप में किया जाए, जिला और ब्लॉक स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में आशा घरों का निर्माण किया जाए आदि समेत अन्य सभी 21 मांगें शामिल है। जिनके समाधान की सरकार से मांग की जा रही है। दूसरी ओर अखिल भारतीय स्वास्थ्य एवं एनएचएम कर्मचारी महासंघ ने अपनी 27 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन किया तथा आशा कार्यकर्ताओं के साथ ही धरना-प्रदर्शन किया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष पवित्रा बिष्ट, सुनीता राणा, विजय राणा, राहुल बिष्ट, हर सिंह रावत, अनूप थपलियाल, संदीप कंडारी, नरेंद्र सिंह, सरोज भंडारी आदि मौजूद थे।

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