संक्रमण की चपेट में आये ये 111 गांव, चरमराई व्यवस्था!
बलौदाबाजार —
कोरोना से हालात दिन प्रतिदिन बिगड़ते ही जा रहे है. मध्य प्रदेश में भी हालत ऐसे हो चुके है कि अस्पतालों में बेड नहीं है. ऑक्सीजन की सप्लाई में दिक्कतें आ रही है. बलौदाबाजार जिले में ग्रामीण क्षेत्र में हालात बेकाबू हो चुके हैं. जिले में 111 गावों ऐसे हैं जो कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके है. गावों में स्थिति बिगड़ती जा रही है. गाँव के लोगों का आपस में भी संपर्क टूटता जा रहा है. गाँव के लोग अब दहशत में जीने को मजबूर है.
हालात ये हो गए हैं कि संक्रमित गांव में सार्वजनिक तालाबों के उपयोग करने और पेयजल की स्रोतों के उपयोग करने पर प्रतिबंधित लगाया जा चुका है. कहा ये जा रहा है कि बचाव और सुरक्षा की दृष्टि से गांव वालों ने ये निर्णय लिया है.
प्रशासन हुआ अलर्ट
जिस तरह से स्तिथि बनी हुई है उसको ध्यान में देखते हुए प्रशासन ने निर्णय लिया है. गाँव को अलग-अलग तीन श्रेणी में बांटकर बचाव की तैयारी की जा रही है.
अति संवेदनशील गांव – जिलें में 9 गाँव है. जो अति संवेदनशील के श्रेणी में है. जहां पर अभी 50 से अधिक मरीज एक्टिव है.
संवेदनशील गांव – जिलें में 25 गाँव है. जो संवेदनशील के श्रेणी में है. जहां पर अभी 25 से 50 के बीच की सँख्या मे मरीज एक्टिव है.
निम्न संवेदनशील गांव – जिलें में 77 गाँव है. जो निम्न संवेदनशील के श्रेणी में है. जहां पर अभी 10 से लेकर 25 के बीच की सँख्या मे मरीज एक्टिव है.
हालांकि गाँव की स्तिथि को देखते हुए सभी गांव में हाई अलर्ट घोषित किया जा चुका है. गाँव के लोगों को समझाया जा रहा है कि कैसे और क्यों कोरोना नियमों का उन्हें पालन करना है. ताकि संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके. लेकिन जिस तरह से हालात बिगड़ चुके हैं उससे कई सवाल उठते है कि आखिर गावों तक भी संक्रमण फैलने लगा है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है. 111 गांवो का एक साथ कोरोना संक्रमण की चपेट में आने पर हालात काबू करना क्या है आसान होगा।