गोर्खाली समुदाय ने धूमधाम से मनाया आदि कवि भानुभक्त का 209वां जन्म जयंती समारोह
देहरादून। आदि कवि आचार्य भानुभक्त के 209 वें जन्म जयंती समारोह में गोर्खाली समुदाय के अनुयायियों ने दीप प्रज्वलित करते हुए उनकी प्रतिमा पर मार्ल्यापण किया व उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया। उनकी कविताओं का पाठ व भजन हुए। कम्प्यूटर प्रशिक्षण, सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण केन्द्र के प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र दिए गए। गोर्खाली सुधार सभा में हुए कार्यक्रम में सभाध्यक्ष पद्म सिंह थापा ने सभी को आचार्य भानुभक्त के जन्म जयंती समारोह की शुभकामनाएं दी। पंडित गोविंद प्रसाद पंथी ने आचार्य भानुभक्त का परिचय देते हुए बताया कि उनका जन्म 13 जुलाई 1874 को नेपाल में हुआ। नेपाली भाषा, संस्कृति एकीकरण में उनका अहम योगदान है। वधुशिक्षा उनकी सुप्रसिद्ध रचना है। रामचरितमानस का सरल नेपाली भाषा में अनुवाद रामायण मार्फत के नाम से किया। जिसका आज भी घर घर सस्वर पाठ किया जाता है। मीडिया प्रभारी प्रभा शाह, उपाध्यक्ष पूजा सुब्बा चंद, दीपशिखा ढकाल, रितिका शर्मा, उदय ठाकुर, विष्णु प्रसाद ढकाल, अमृता गुरुंग, शुभवंती उपाध्याय, इंद्र सिंह शाही, श्याम प्रकाश राई, देवकी देवान, सरोज गुरुंग, भूपेन्द्र अधिकारी आदि ने कविता पाठ किया। कोसैली सांगितिक समूह ने उनके भजन सुनाए। गोर्खाली सुधार सभा के कम्प्यूटर प्रशिक्षण, सिलाई कढ़ाई केन्द्र के प्रशिक्षुओं को त्रैमासिक प्रमाण पत्र दिए गए। संचालन सांस्कृति सचिव वाईबी थापा ने किया। मौके पर गोपाल क्षेत्री, कर्नल जीवन क्षेत्री, सचिव मधुसूदन शर्मा, आरएस थापा, पीएन राई, पीडी लिम्बू, पुष्पा क्षेत्री, सीके राई, श्याम राना, जितेन्द्र खत्री मौजूद रहे।