वैदिक जीवन स्थाई व संपूर्ण विकास: शंकराचार्य

 

दरभंगा……

गोवर्धन मठ पुरी के पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने मिथिला भ्रमण के दूसरे दिन मंगलवार को नवादा में दीक्षा ग्रहण सह राष्ट्र आध्यात्म धर्म पर परिचर्चा की। परिचर्चा में श्रद्धालुओं की ओर से सनातन धर्म व राष्ट्र सहित वैदिक जीवन के अलावा गुरु-शिष्य परंपरा पर जगतगुरु के समक्ष अपनी जिज्ञासा रखी।

सभी की जिज्ञासा को शांत करते हुए जगतगुरू ने कहा कि सनातन धर्म में वैदिक जीवन स्थाई व संपूर्ण विकास परक है। कहा भौतिकता से प्राप्त विकास क्षणिक, नश्वर व सृष्टि के विनाश का कारण बनेगा। वैदिक वर्णाश्रम व्यवस्था पूर्णत: व्यवस्थित है। इसमें कर्म के आधार पर रोजगार का जन्मसिद्ध अधिकार प्राप्त है।

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