राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन और ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू इस्पात की खपत बढ़ाने की जरूरत : मंत्री

नयी दिल्ली।

केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने आज यहां भारतीय इस्पात संघ (आईएसए) से जुड़े एकीकृत (इंटीग्रेटेड) इस्पात उत्पादकों (आईएसपी) के प्रतिनिधियों से बात की। आईएसए का प्रतिनिधित्व करने वाले ये सदस्य मिलकर देश में लगभग 90 प्रतिशत स्टील का उत्पादन करते हैं। दिलीप ओमन (अध्यक्ष, आईएसए, और सीईओ, एएम/एनएस इंडिया), सोमा मंडल (अध्यक्ष, सेल), टीवी नरेंद्रन (सीईओ, टाटा स्टील लिमिटेड), सज्जन जिंदल (अध्यक्ष, जेएसडब्ल्यू लिमिटेड), नवीन जिंदल (अध्यक्ष, जेएसपीएल) ने इस बैठक में भाग लिया। बैठक के दौरान इस्पात की मांग बढ़ाने के लिए , पीएलआई योजना के नियम और राष्ट्रीय खनिज सूचकांक को अधिसूचित करने, रसद तथा माल ढुलाई से संबंधित मामले, और क्षमता में बढ़ोतरी के लिए त्वरित मंजूरी जैसे मुद्दों को लेकर सरकार से समर्थन की मांग की गई।
मंत्री ने मांग बढ़ाने के लिए सभी तरह का सहयोग देने का वादा किया और उन्होंने सुझाव दिया कि उद्योगों को आवास, घरेलू गैस और पानी की पाइपलाइन जैसी परियोजनाओं में स्टील के उपयोग के लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करनी चाहिए ताकि मांग आर्गेनिक और व्यापक हो। श्री सिंह ने मंत्रालय के अधिकारियों से कहा कि वह इस्पात उद्योग के लिए जुलाई 2021 में अधिसूचित पीएलआई स्कीम के संबंध में उद्योग जगत की चिंताओं को दूर करने के लिए बात करें।
मंत्री ने निर्देश दिया कि स्टील कारोबारियों के साथ उचित परामर्श किया जाना चाहिए। पीएलआई योजना के लिए दिशानिर्देश जारी करने से पहले उनके साथ बातचीत की जानी चाहिए थी। श्री सिंह ने यह भी निर्देश दिया कि नौवहन, अंतर्देशीय जलमार्ग से संबंधित लॉजिस्टिक मुद्दों को एक केंद्रित दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
इस्पात सेक्टर मुख्य रूप से कच्चे माल और तैयार माल के परिवहन के लिए रेलवे का उपयोग करता है। इसलिए मंत्री ने सुझाव दिया कि उद्योग की चिंताओं को रेल मंत्रालय के सामने प्रबलता से उठाया जाना चाहिए। इस्पात सेक्टर की पर्यावरण और उत्सर्जन संबंधी चिंताओं को स्वीकार करते हुए, मंत्री जी ने उद्योग जगत को को बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन का उपयोग करने की दिशा में आगे बढऩे का भी सुझाव दिया।

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