विकास के नाम पर ग्रामीणों का शोषण, प्रताड़त किए जाने के मामले शिवराज में आम हो गए हैं?
पन्ना,
विकास के नाम पर ग्रामीणों का शोषण व प्रताडि़त किए जाने के मामले आम हो गए हैं। बताया जाता है कि जेके सीमेंट प्लांट के स्थापित करने व विकास के नए रास्ते बनाने के नाम पर यहां प्रशासन मनमानी कर रहा है। सार्वजनिक विकास कार्यों के लिए प्रशसान द्वारा निजी भूमियों का अधिग्रहण होता रहा है, लेकिन निजी व औद्योगिक हितों को साधने के लिए प्रशासन द्वारा जबरन अधिग्रहण का मामला जिले में सामने आया है। इसे लेकर भाजपा के कद्दावर नेता व पूर्व जिला सहकारी बंैक के अध्यक्ष संजय नगाइच ने नाराजगी जाहिर करते हुए जबरन किए जा रहे अधिग्रहण पर तत्काल रोक लगाने की माग की है। उन्होंने जेके सीमेंट कम्पनी को ईस्ट इंडिया कम्पनी बताते हुए कहा कि जिस प्रकार से जेके सेम सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन के प्रभाव में पन्ना कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम पवई ने सिमरिया तहसील के विभिन्न ग्रामों खासकर ग्राम पंचायत बोदा में किसानों को उनकी जमीन भू-राजस्व संहिता की धारा 247 में अधिग्रहण करने के लिए नोटिस दिए हैं। यह ब्रिटिश काल की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि विदित रहे कि धारा 247 के लिए प्रशसान जनहित में काम के उपयोग के लिए किसी की जमीन को अधिग्रहण उसकी सहमति से कर सकता है। लेकन यहां प्रशासन व्यवसायिक औद्योगिक उपयोग के लिए अधिग्रहण कर रहा है, जो कतई ठीक नहीं है। जनसुनवाई के दौरान ग्राम पंचायत बोदा तहसील सिमरिया ने ग्राम सभा की सहमति एनओसी भी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार राजनीतिक कार्यकर्ता के नाते प्रशासनिक अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया। परंतु उनका कोई सार्थक जवाब नहीं मिला। इससे ऐसा प्रतीत हो रहा कि जिला प्रशासन या तो उनके भारी दबाव में है। नगाइच ने कहा कि जेके सेम सीमेंट फैक्ट्री के इन्हीं नियम विरुद्ध कामों व गलत मंशा के कारण आज उनकी एनओसी व माइनिंग लीज निरस्त हो चुकी है जो शीघ्र मिलने की संभावना भी नहीं है। अगर इसी प्रकार की कार्य पद्धति रही तो शीघ्र ही माननीय उच्च न्यायालय एवं एनजीटी में अन्य जनहित को लेकर याचिकाएं पेश करनी पड़ेगी। संजय नगाइच का कहना है कि पन्ना जले में औद्योगिक इकाइयां आनी चाहिए, परंतु जनहित की उपेक्षा करके नहीं। इससे स्थानीय क्षेत्रवासियों एवं जिले वासियों का विकास हो, युवाओं को रोजगार मिले, अन्य लोगों को भी विभिन्नप्रकार के काम मिले। तभी इन औद्योगिक इकाईयों सीमेंट फैक्ट्रियों की पन्ना जिले में सार्थकता है, अन्यथा जब वह दूसरी ईस्ट इंडिया कंपनी होगी। भाजपा नेता संजय नागाइच ने कहा कि विगत दो-तीन वर्षों से पवई विधानसभा अंतर्गत स्थापित हो रही जेके सेम सीमेंट फैक्ट्री के संबंध में स्थानीय ग्रामवासियों, आम लोगों की पीड़ा शोषण को लेकर प्रश्न उठा रहा हूं, जिसको लेकर जिम्मेवार जिले के प्रशासनिक अधिकारियों को भी कहा है। परंतु जिला प्रशासन एवं पुलिस की कार्यपद्धति से ऐसा प्रतीत होता है कि उनके लिए जनहित, किसानहित, क्षेत्रहित सर्वोपरि नहीं है, कम्पनी ही प्राथमिकता है। उसके कलिए नियम कायदे कानून को ताक में रखकर कंपन के पक्ष में किसी भी स्तर पर जाने के लिए तैयार और तत्पर है यह स्थिति दुभागर््यजनक है। उन्होंने जिले के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों से भी आग्रह किया है कि जेकेसेम सीमेंट फैक्ट्री की इस जनहत विरोधी कार्य पद्धति शोषण की बगैर सोचे समझे क्षेत्रवासियों को विश्वास मं लेकर ही उनकी जमनें अधिकृत की जाए और भविष्य में उनके द्वारा कितने प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार दिए जाएंगे, जिले का प्रभावित संबंधित ग्रामों का क्या विकास किया जाएगा। इस पर कंपनी प्रबंधन से फाइनल रोडमैप पर ही चर्चा, एग्रीमेंट करें। यदि जिला प्रशसन अपनी कार्यपद्धति से बाज नहीं आया व किसानों से धारा 247 की एकतरफा कार्यवाही नहीं रोकी गई, तो क्षेत्रवासियों व किसानों के साथ प्रशासन व जेके सीमेंट फैक्ट्री के खिलाफ आंदोलन का शंखनाद होगा।