आखिर क्यों खानपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता को उमेश भड़काने में लगा है
देहरादून —
प्रदेश के चर्चित तथाकथित पत्रकार उमेश कुमार जो पूर्व में सरकारो को ब्लैकमेल करने के मामले में जेल तक जा चुके हैं। आज कल उनकी हवा बाजी हरिद्वार क्षेत्र में देखने को मिल रही है। हमेसा हवा में उडने वाले उमेश आज कल लढौरा रियासत के आस पास अपनी जमीन तलाशने में लगा है। अपने भाषण में ना सुनने वाले अधिकारीयो, नेताओ की उंगली तोड देने का दावा कर रहा है। दरहसल त्रिवेन्द्र सरकार के साथ सजिश करने के बाद उमेश को करारा झटका लगा था और जेल भेज दिया गया था। हांलाकि जेल से निकलने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत के पैर पकडने के बाद भी इसको बख्शा नही गया। अब अपनी झुठी आन बान शान रुतबा खो देने के बाद इन महाश्य ने विचार बनाया कि क्यो न प्रदेश के किसी कद्दावर जन प्रतिनिधि से जबरदस्ती पंगे बाजी का प्रोपगेंड़ा बनाया जाये । ताकि अन्य जनप्रतिनिधियो में भी इसकी ताकत का खौप पैदा हो जाये। और ये अपनी झूठी शान बखारने में कामयाब हो सके। जब इसने चारो तरफ देखा तो इसकी समझ में आया की उत्तराखण्ड में 11 जिले पहाडी मूल के है और दो जिले मात्र मैदानी मुल के है। यदि पहाडी मूल के नेताओ से उलझा तो इलाज हो जायेगा और वहां धर्म जात के नाम पर दंगा भी नही करा पाउगा। और खुद उत्तराखण्ड का मूलनिवासी नही है। इस बात की पोल खुलने का डर था। आखिर इसकी नजर खानपुर विधानसभा के वरिष्ठ जन प्रतिनिधि कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन की और गयी। उनकी पुरानी विडियो निकाल कर उन को एडिट किया और प्रसारित कर दिया । और खुद मंहगी मंहगी दस बारह गाडीयों का काफिला लेकर खानपुर के आस पास नुक्कड़ सभाये करनी शुरू कर दी। नुक्कड सभाओं में एक जाति व कुंवर प्रणव सिंह के प्रति इतना जहर घोल रहे है। कि यदि प्रशासन ने सुध ना ली तो खानपुर में बडा दंगा भी हो सकता है। जबरन खानपुर के भाजपा कार्यकर्ताओ को उकसा रहे है चिढा रहे है। कि मौजूदा भाजपा सरकार के समय में नालीयां,सडके, पानी स्वास्थ्य की व्यवस्थायें बदत्तर है। रोजाना का यही कार्यक्रम है चाहते है कि खानपुर विधानसभा का कोई भाजपा कार्यकर्ता उकसावे में आकर इसकी गाडी में पत्थर फेक दे या कुंवर प्रणव सिंह इसके विरूद्व कोई ब्यान देदें। तो इसकी दुकानदारी चलने लगेगी । और सुरक्षा में गनर मिलने का रास्ता साफ हो जायेगा। महाश्य को सरकारी सुरक्षा की हनक पाने की इस कदर बैचेनी है। कि स्वय ही अपने काफिले पर फर्जी हमला भी करा सकता है। वही सूत्रो का यह भी कहना है कि चैम्पियन के राजनैतिक विरोधी इसको चैम्पियन के विरूद्व बदनामी का एजेडा चलाने के सुपारी दे चुके है।