स्वामी भगवानदास शास्त्री महाराज ने की स्वामी चिदानन्द सरस्वती से मुलाकात

ऋषिकेश।

रामसनेही धर्माचार्य रायण अर्वाचीन पीठ संस्थान पुष्कर के अधिष्ठाता स्वामी भगवानदास शास्त्री ने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से मुलाकात की। इस दौरान उनके बीच पर्यावरण व नदियों के संरक्षण, ऋषिकेश की स्वच्छता, पौधरोपण और पतित पावनी गंगा की पवित्रता को बनाये रखने आदि पर चर्चा की गई। शुक्रवार को रामसनेही धर्माचार्य रायण अर्वाचीन पीठ संस्थान पुष्कर के अधिष्ठाता स्वामी भगवानदास शास्त्री महाराज 40 साल बाद स्वर्गाश्रम, ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन पहुंचे। यहां उन्होंने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से भेंट कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। भगवान दास शास्त्री ने कहा कि अधिक से अधिक पेड़ लगाने पर ही मृत हो रही नदियों को बचाया जा सकेगा। इसके लिए वृहद स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाने की बात कही। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने उन्हें परमार्थ निकेतन की ओर से पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों के साथ ही अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के बारे में जानकारी दी। स्वामी भगवानदास शास्त्री महाराज ने नदियों और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में हो रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि वास्तव में यही वसुधैव कुटुम्बकम मूल मंत्र भी है।

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