चार बच्चे पैदा करने पर 10 साल की सजा का हो प्रावधान

मेरठ,

जनसंख्या विस्फोट होने से देश भयावह स्थिति में पहुंच गया है। अगर समय रहते हम नहीं चेते तो प्राकृतिक संसाधन पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे। इसे बचाने के लिए मेरठ में जनसंख्या कानून की मांग उठी। तीन दिन के राष्ट्रीय अधिवेशन में जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कई प्रस्ताव पास किए गए। इन प्रस्तावों को सभी प्रदेश की सरकार और केंद्र सरकार को पत्र के माध्यम से भेजा जाएगा। उनसे मांग की जाएगी कि देश में सख्त से सख्त जनसंख्या नियंत्रण का कानून लागू किया जाए। अधिवेशन में रखे गए प्रस्?ताव में कहा गया कि चौथी संतान को पैदा करने की स्थिति में दंपत्ति को 10 साल की जेल का प्रविधान भी किया जाए।
तीन दिन चला अधिवेशन
मेरठ में मिलेनियम पब्लिक स्कूल 15 मई से 17 मई तक जनसंख्या समाधान फाउंडेशन की ओर से तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन किया गया। इस अधिवेशन में पहले दिन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जनसंख्या कानून की वकालत की। दूसरे दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने जनसंख्या कानून को जरूरी बताया। मंगलवार को अधिवेशन के आखिरी दिन अलग-अलग प्रांतों से आए लोगों के सुझाव पर 10 प्रस्ताव पास किए गए। जिसमें जनसंख्या कानून को लेकर कई प्रविधान किए गए।
दो बच्चे से अधिक होने पर दंडात्मक कार्रवाई होगी
जाति,धर्म क्षेत्र और भाषाई बंधनो से उठकर राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए जनसंख्या कानून सभी नागरिकों के लिए एक समान लागू किया जाए। इस कानून के दंडात्मक प्रविधान किए जाएं। कानून लागू होने के एक साल बाद कानून तोडक़र दूसरे से अधिक बच्चे पैदा करने वाले माता-पिता पर यह प्रविधान लागू किया जाएगा। कानून लागू होने से पहले दो से अधिक संतान के मामले में किसी भी नागरिक पर किसी भी रूप में यह कानून लागू नहीं होगा। जनसंख्या समाधान विषय कानून अधिसूचित होने के बाद कानून तोडक़र दूसरी से अधिक संतान पैदा करने वाले दंपत्ति को सरकार से मिलने वाली सभी सुविधाएं समाप्त कर दी जाएगी। राजकीय सेवा में कार्यरत दो या दो से अधिक बच्चे वाले माता-पिता कानून अधिसूचित होने के बाद एक वर्ष के बाद कानून तोडक़र अगले संतान पैदा करते हैं, तो अपने पद पर नहीं रहेंगे। उनके नियोजित होने की पात्रता भी खत्म कर दी जाएगी।
10 साल सजा का प्रावधान हो
कानून अधिसूचित होने के एक साल बाद कानून छोडक़र दूसरे से अधिक संतान पैदा करने पर माता-पिता व संतान को जीवन भर मताधिकार से वंचित किया जाए। कानून का उल्लंघन करने वाले और चौथी संतान को पैदा करने की स्थिति में दंपत्ति को 10 साल की जेल का प्रविधान भी किया जाए। ताकि चौथी संतान पैदा करने के विषय में कोई सोच नहीं सके। अगर किसी के जुड़वा संतान पैदा होती है। तो परिवार पूरा माना जाएगा। अगर कानून में कोई पुरुष अपने जीवन काल में कई शादियां करता है तो उसे सभी पत्नियों के माध्यम से अलग-अलग दो-दो बच्चे पैदा करने की छूट नहीं दी जाएगी। दो पत्नियों में से दो बच्चे की उत्पत्ति पर पत्नी या पति की संख्या जो भी हो परिवार पूरा माना जाएगा। यानी पत्नी या पति की संख्या कितनी भी हो उसे परिवार मानते हुए बच्चों की कुल संख्या दो से अधिक नहीं रहेगी।
सरकार को भेजेंगे प्रस्ताव
जनसंख्या फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चौधरी ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर इन सभी प्रस्ताव को पत्र के माध्यम से प्रदेश और केंद्र की सरकार को भेजा जाएगा।11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के दिन 500 जिलों में शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन भी दिया जाएगा।

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