सहकारी चीनी मिल समितियों के 50 लाख 10 हजार कृषकों को मिला अंश प्रमाण पत्र
लखनऊ,
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अन्नदाता किसान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। वर्तमान राज्य सरकार गन्ना किसानों को प्राथमिकता देते हुए कार्य कर रही है। गन्ना विभाग द्वारा किये गये सुधारों का लाभ गन्ना किसानों को प्राप्त हो रहा है। उन्होंने निर्देश दिये कि नये सत्र से पहले सम्पूर्ण बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान गन्ना किसानों को कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को लोक भवन में प्रदेश की सहकारी गन्ना विकास समितियों एवं सहकारी चीनी मिल समितियों के 50 लाख 10 हजार अंशधारक कृषक सदस्यों को अंश प्रमाण-पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम सहकारिता आंदोलन को पुनर्जीवित करने की दिशा में किया गया प्रयास है। यह कार्यक्रम गन्ना सहकारी समितियों को पुनर्जीवित करने और गन्ना किसानों को अंशधारक बनाने का है। यह आयोजन किसान को उस व्यवस्था में अधिकार देने के लिए है, जिससे वह जुड़ा हुआ है। समिति का अंशधारक बनने के बाद चीनी मिल को लाभ होने की स्थिति में किसानों को बोनस भी मिलना चाहिए। इससे किसान कह सकेगा कि चीनी मिल उसकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में आने के बाद हमारी सरकार ने पहला फैसला 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों के फसली ऋण माफ करने का लिया। किसानों की उपज की खरीद के लिए प्रोक्योरमेंट की प्रभावी व्यवस्था बनाकर रिकॉर्ड मात्रा में धान और गेहूं की खरीद की गयी। फसलों के विविधीकरण के लिए कार्यक्रम संचालित किये गये। खाण्डसारी उद्योग को लाइसेंस देने के साथ ही, चीनी मिलों के पुनरोद्धार करने की कार्यवाही की गयी। रमाला में नयी चीनी मिल लगवायी गयी। मुंडेरवा में नयी चीनी मिल लगायी गयी। साथ ही, डिस्टलरी, कोजेन प्लाण्ट लगाने की कार्यवाही आगे बढ़ रही है। भारत सरकार ने डीजल और पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल ब्लेण्ड करने का निर्णय लिया है। आने वाले समय में एक भी चीनी मिल घाटे में नहीं होगी, कोई भी चीनी मिल बंद नहीं होगी। इससे किसानों को ही लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बॉयो फ्यूल के इण्टीग्रेटेड कॉम्प्लेक्स की व्यवस्था बनायी जा रही है। अब किसानों को गेहूं, धान आदि की पराली जलाने की जरूरत नहीं होगी। इनका इस्तेमाल बॉयो फ्यूल बनाने में किया जाएगा। इससे सस्ता ईंधन प्राप्त होगा। पेट्रोल, डीजल पर निर्भरता कम होगी। ईंधन के स्रोत अरब मुल्क नहीं, हमारे अन्नदाता किसान होंगे। इससे किसानों को लाभ होगा। देश व प्रदेश को इसके लिए तैयार करना होगा। सहकारी समितियों को भी इसके लिए अपने आपको तैयार करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2007 से वर्ष 2017 के बीच गन्ना किसानों को हुए गन्ना मूल्य भुगतान के डेढ़ गुना गन्ना मूल्य भुगतान वर्तमान राज्य सरकार के विगत 05 वर्षों में किया गया है। विगत 05 वर्षों में किसानों को 01 लाख 77 हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। इस वर्ष 82 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है। अवशेष भुगतान के लिए प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि चीनी मिल मालिक द्वारा चीनी मिल के संचालन से प्राप्त धनराशि को किसी अन्य उद्यम में लगाने पर, उसका डायवर्जन गन्ना किसान के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान हेतु किया जा सके, इस सम्बन्ध में कानून बनाया गया है।