आसन नदी के संरक्षण एवं जीर्णोद्धार विषय पर कार्यशाला आयोजित
विकासनगर। नमामि गंगे अभियान के तहत ‘आसन नदी का संरक्षण एवं जीर्णोद्धार विषय पर भारतीय वन्य जीव संस्थान सभागार में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में वैज्ञानिकों और लोगों ने नदी के संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास करने पर जोर दिया। गुरुवार को कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर ने कहा कि आसन नदी का उद्गम स्थल चंद्रबनी गौतम कुंड है, जहां एक प्राचीन मंदिर भी है। यह स्थान गौतम ऋषि की तपस्थली रहा है। उन्होंने कहा कि उद्गम स्थल में ही आसन नदी का स्वरूप एक नाले में तब्दील हो गया है। इसके जीर्णोद्धार के लिए चंद्रबनी क्षेत्र के लोगों ने वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट और नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अधिकारियों के साथ मिलकर तैयार की है। इसके तहत नदी के उद्गम स्थल के आसपास सफाई करना, पौधरोपण को बढ़ावा देना और अवैध कब्जे हटाए जाएंगे। भारतीय वन्य जीव संस्थान की वैज्ञानिक डा. रुचि बडोला ने बताया कि आसन नदी पूरे पछुवादून क्षेत्र की जीवनदायिनी है। इसके संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए समाज के साथ मिलकर सामूहिक प्रयास किए जाने की जरूरत है। कहा कि जब तक समाज नदियों के संरक्षण के लिए जागरूक नहीं होगा तब तक इस तरह के अभियानों की सफलता सवालों के घेरे में बनी रहेगी। कार्यशाला में बीपी उनियाल, एएमएएन हुसैन ने भी नदियों के संरक्षण के लिए किए जाने वाले प्रयासों की जानकारी दी। इस दौरान पार्षद सुखवीर बुटोला, चंद्रबनी गौतम कुंड मंदिर के महंत हेमराज, ओमवीर राघव, महेंद्र, रामपाल राठौर, मदन सिंह, अजय गोयल, नवीन झा, अनिल ढकाल, माधुरीर नेगी, विकास कश्यप, राधेश्याम कश्यप, राधा गुप्ता आदि मौजूद रहे।