लंपी वायरस को फैलने से रोकने के लिए योगी सरकार बनाएगी इम्यून बेल्ट
लखनऊ
राज्य में जानवरों में लम्पी वायरस की बीमारी की जांच के लिए, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार पीलीभीत से इटावा तक 300 किलोमीटर लंबी इम्यून बेल्ट बनाने की योजना बना रही है। पांच जिलों के 23 ब्लॉक से गुजरने वाली इम्यून बेल्ट 10 किमी चौड़ी होगी। इसको लेकर पशुपालन विभाग की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक, विभाग की ओर से इम्यून बेल्ट के तहत निगरानी के लिए एक विशेष प्रवर्तन दल का गठन किया जाएगा।
टास्क फोर्स लम्पी वायरस से संक्रमित जानवरों की ट्रैकिंग और इलाज का काम संभालेगी।
इससे पहले 2020 में भी मलेशिया में जानवरों के संक्रमण को रोकने के लिए इसी तरह का प्रयास किया जा चुका है, जिसके परिणाम बेहद सकारात्मक रहे हैं।
यह वायरस उत्तर प्रदेश के 23 जिलों में फैल चुका है। इनमें से सबसे ज्यादा मामले अलीगढ़, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में सामने आए हैं। वहीं मथुरा, बुलंदशहर, बागपत, हापुड़, मेरठ, शामली और बिजनौर में यह वायरस तेजी से फैल रहा है।
अब तक राज्य के 2,331 गांवों की 21,619 गायें लम्पी वायरस की चपेट में आ चुकी हैं, जिनमें से 199 की मौत हो चुकी है, जबकि 9,834 ठीक हो गई हैं।
जानलेवा वायरस पर काबू पाने के लिए योगी सरकार बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चला रही है। अब तक 5,83,600 से अधिक मवेशियों का टीकाकरण किया जा चुका है।
लम्पी वायरस के सबसे ज्यादा मामले राज्य के पश्चिमी जिलों में सामने आए हैं। इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने पीलीभीत से इटावा तक करीब 300 किलोमीटर की दूरी 10 किलोमीटर चौड़ी इम्यून बेल्ट से तय करने की योजना तैयार की है।
यह इम्यून बेल्ट पीलीभीत जिले के बीसलपुर, बरखेड़ा, लालोरीखेड़ा, मरौरी और अमरिया विकास खंड खुदागंज, निगोही, सिधौली, भवाल खेड़ा, कांट, जलालाबाद और शाहजहांपुर जिले के मिर्जापुर विकास खंड, कैमगंज, फरुर्खाबाद जिले के ब्लॉक शमसाबाद और राजेपुर से होकर गुजरेगी।
यह मैनपुरी जिले के कुरावली, सुल्तानगंज और घिरौर ब्लॉक और इटावा के बधपुरा, जसवंतनगर, सैफई, बसरेहर और ताखा ब्लॉक तक पहुंचेगा।
पशुपालन विभाग द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार सितंबर का महीना बेहद संवेदनशील माना जाता है, इसलिए लम्पी वायरस के प्रसार को लेकर राज्य के 9 संभागों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि विभाग में टीकों की कोई कमी नहीं है और 32 लाख से अधिक टीके प्राप्त हो चुके हैं। अब एक दिन में दो लाख टीके लगाने की तैयारी पूरी कर ली गई है, जिसे बढ़ाकर तीन लाख टीके प्रतिदिन किया जाएगा।