कोविड के आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव का विश्लेषण करेंगे
रुड़की
कोविड के आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव का विश्लेषण करने के लिए आईआईटी रुड़की, इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लोबल एनवायरनमेंट स्ट्रेटेजिज, जापान और कीओ विवि, जपान भारत-जापान द्विपक्षीय परियोजना को लागू करने के लिए सहयोग करेंगे। पारिस्थितिक तंत्र केंद्रित ग्रामीण पुनरोद्धार: शहरी-ग्रामीण विरोधाभास को पोस्ट कोविड रेजिंलियेंट रिकवरी की सहायता से पाटना के तहत काम किया जाएगा। परियोजना भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद और जापान सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ साइंस की ओर से वित्त पोषित है। द्विपक्षीय सहयोगात्मक अनुसंधान भारत में हरिद्वार और जापान में कानागाव प्रांत सहित दो चयनित अध्ययन स्थलों पर ध्यान केंद्रित करेगा। आईआईटी रुड़की में मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग में कार्यशाला हुई। आईआईटी निदेशक प्रो.अजीत कुमार चतुर्वेदी प्रो. सुबीर सेन, प्रो. अनंद्यि जयंत मिश्रा, डॉ. बिजोन केआर मित्रा, डॉ. अनामित्रा अनुराग, डॉ. राजर्षि दासगुप्ता, एमडी रियाज, शुभम शर्मा आदि ने शिरकत की। डॉ. बिजोन केआर मित्रा ने कहा कि प्रस्तावित शोध भारत और जापान में अपनाई गई नीतियों पर जोर देगा। आईआईटी निदेशक प्रो. अजीत के चतुर्वेदी ने कहा कि यह परियोजना कोविड युग के बाद विकेंद्रीकृत विकास की ओर अपनी अर्थव्यवस्था के विविधीकरण के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के इको-सिस्टम केंद्रित पुनरोद्धार के मार्ग को प्रदर्शित करेगी।