महंत सुधीर गिरी हत्याकांड में आरोपियों को ठहराया दोषी
रुड़की। मंहत हत्याकांड में शामिल आरोपियों को हत्या का दोषी करार दिया गया है। 17 फरवरी को हत्याकांड के दोषियों की सजा पर फैसला होगा। 14 अप्रैल 2012 को सिविल लाइंस कोतवाली के बेलड़ा गांव के पास महंत सुधीर गिरि की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस के अनुसार शर्मा कंस्ट्रक्शन कंपनी का स्वामी आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली पुत्र सुभाष चंद्र शर्मा निवासी कनखल हरिद्वार कई सालों से महानिर्वाणी अखाड़े में बतौर मुंशी कार्यरत था। अखाड़े के संतों से कम दामों में भूमि खरीदकर आशीष महंगे दामों में बेचता था। 2004 में संत सुधीर गिरि ने सस्ते रेट में भूमि देने का विरोध किया था। दोनों में इस बात को लेकर तकरार हुई थी। आशीष ने अपने परिचित प्रॉपर्टी हाजी नौशाद पुत्र मसीतुल्ला निवासी मॉडल टाउन सरकुलर रोड सिविल लाइन मुजफ्फरनगर से संपर्क साधा था। शूटर इमत्याज उर्फ जुगनू पुत्र अशफाक निवासी खालापार रहमतनगर आजा मॉन्टेसरी स्कूल के पास मुजफ्फरनगर और महताब उर्फ काला उर्फ शानू पुत्र अनीस निवासी सूजडडू चुंगी मॉडल टाउन सिविल लाइन मुजफ्फरनगर को हत्याकांड में शामिल किया था। नौ लाख रुपये लेकर हत्याकांड को अंजाम दिलाया गया था। शासकीय अधिवक्ता राजकुमार सिंह ने बताया कि हत्याकांड में मुख्य भूमिका निभाने वालों को हत्याकांड का दोषी करार दिया गया है। हत्याकांड की सजा का फैसला 17 फरवरी को होगा।