दवा कारोबारियों की समस्याओं पर मंथन

हरिद्वार। ऑल इंडियन ओरिजिन केमिस्ट्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स लिमिटेड (एआईओसीडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेएस शिंदे ने कहा कि केमिस्ट ज्यादा से ज्यादा शिक्षित-प्रशिक्षित होने चाहिए। केमिस्ट की लापरवाही लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि महासंघ की 42 एसोसिएशन हैं। बैठक में औषधि कारोबारियों की समस्याओं पर भी चर्चा की गई। रविवार को शिंदे सिडकुल के एक होटल में उत्तरांचल औषधि व्यवसायी महासंघ उत्तराखंड की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक और शैक्षणिक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। मुख्य अतिथि लैंसडौन विधायक महंत दिलीप सिंह रावत ने कहा कि केमिस्ट सिर्फ व्यापारी नहीं आपके हाथों में जनता के प्राण हैं। कोविड-19 काल में केमिस्ट ने अपनी जान की परवाह न करते हुए काम किया है। उन्होंने कहा कि 30 प्रतिशत उपभोक्ता ऐसे हैं जो दवाइयों पर एक्सपायरी डेट देखते होंगे। लेकिन 70 प्रतिशत लोग एक्सपायरी डेट नहीं देखते। कुल मिलाकर केमस्टि के हाथों में लोगों का स्वास्थ्य होता है, उसमें जरा भी लापरवाही न करें।
ड्रग कंट्रोलर ताजवर सिंह जग्गी ने कहा कि समय-समय पर शिकायत मिलती है कि कुछ लोग बिना लाइसेंस के दवाएं बेच रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित दवाएं केमिस्ट न बेचें। अगर केमिस्ट का ड्रग्स विभाग को सहयोग मिलता है तो नकली दवाई बेच रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई में आसानी होगी।
एआईओसीडी महासचिव राजीव सिंघल और महासंघ के अध्यक्ष बीएस मनकोटी ने कहा कि ऑनलाइन दवा व्यवसाय का लगातार विरोध किया जा रहा है। कार्यक्रम में गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, मुंबई समेत 12 राज्यों से आए केमिस्ट ने प्रतिभाग किया। इस दौरान केके सेलवन, संदीप नागिया, रजनीश गोयल, जसवंत भाई पटेल, अरविंद गुप्ता, अविनाश अग्रवाल, दिवाकर सिंह, सुधीर अग्रवाल, सुरेंद्र दुग्गल, अशोक सिंगला, भाजपा जिला अध्यक्ष संदीप गोयल, ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती सहित सैकड़ों केमिस्ट और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

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