आयुर्वेदिक कोविड अस्पतालों से ऑनलाइन जुड़े डॉक्टर

मुरादाबाद

कोरोना संक्रमण की खतरनाक लहर में मुरादाबाद के आयुर्वेदिक डॉक्टर गुजरात और दिल्ली में कोविड अस्पताल में परिवर्तित किए गए आयुर्वेदिक अस्पतालों के डॉक्टरों से ऑनलाइन रूबरू हुए। शहर चिकित्सकों ने इन कोविड अस्पतालों में कोरोना के मरीजों पर लाभकारी साबित हुए आयुर्वेदिक इलाज के तरीकों का पता लगाने के बाद इन्हें अपने मरीजों पर अपनाने की प्रक्रिया शुरू की।
विश्व आयुर्वेद परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष डॉक्टर संजीव सक्सेना ने बताया कि दिल्ली, गुजरात के कोविड आयुर्वेदिक अस्पतालों के साथ ही लखनऊ, वाराणसी, उत्तराखंड आदि के चिकित्सकों के साथ वर्चुअल मीटिंग्स शुरू की गईं। इन वर्चुअल मीटिंग्स में साझा हुईं जानकारियों से कोरोना से पीड़ित मरीजों के इलाज में आयुर्वेद की पंचकर्म चिकित्सा भी काफी फायदेमंद होने की बात सामने आई। वहीं, विश्व आयुर्वेद परिषद की मुरादाबाद शाखा के पूर्व अध्यक्ष डॉ.एसपी गुप्ता ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कोरोना महामारी से पैदा हुए हालात के मद्देनजर आयुर्वेद चिकित्सा को कमतर आंकने के नजरिये में बदलाव किए जाने की बात साफ तौर पर बयां की।
दावा:फेफड़ों को ठीक करेगी बालू की सिकाई
विश्व आयुर्वेद परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ.संजीव सक्सेना ने दावा किया कि कोरोना संक्रमण से प्रभावित हुए फेफड़ों को ठीक करने में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत बालू यानि रेत की सिकाई काफी कारगर सिद्ध हो रही है। बालू को तवे पर गर्म करके फिर इसे कपड़े में भरकर सिकाई करना कोरोना संक्रमित मरीज की छाती में जकड़न और दर्द जैसी समस्या को घटाने में भी फायदेमंद है। इसके साथ ही सरसों व तिल के तेल को हल्का गर्म करके उसमें सेंधा नमक, अजवायन और लहसुन की पत्ती डालकर हल्की मालिश करना भी लाभप्रद होगा।

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