दूध उत्पादन में बुंदेलखंड बना रहा रिकार्ड, महिलाओं को मिला रोजगार

लखनऊ

योगी सरकार में बुंदेलखंड दूध उत्पादन के क्षेत्र में रोज नए रिकार्ड बना रहा है। यहां महिला किसानों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और उनको अच्छी आमदनी भी होने लगी है। यहां बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी 24 हजार 180 महिलाओं को अपने साथ जोड़कर प्रतिदिन 60 हजार से अधिक दूध का संग्रहण और व्यापार कर रही है। बुंदेलखंड में शुरू हुई इस योजना का लाभ झांसी, जालौन, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट के महिला किसानों को मिल रहा है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि पिछली सरकारों ने बुंदेलखंड पर कभी नजर नहीं डाली, जिसके कारण यह क्षेत्र पिछड़ा रहा। योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद से ही नई-नई योजनाओं ने बुंदेलखंड की महिलाओं को स्वाबलंबी बनाने के साथ क्षेत्र के सम्पूर्ण विकास को नई राह देने का काम किया। कोविड काल में भी महिलाओं ने दूध का संग्रहण और व्यापार किया। उन्होंने कहा कि सरकार के सबका साथ सबका विकास के नारे को बुंदेलखंड की महिला किसानों ने चरितार्थ करके दिखा दिया है। उनकी मेहनत रंग लाने लगी है। प्रत्येक दिन दूध के उत्पादन और नवीन तकनीक के जुड़ जाने से कमाई भी पहले से कई गुना अधिक हो गई है। यह सब बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के माध्यम से संभव हो पाया है। प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिसम्बर, 2019 में कंपनी का उद्घाटन किया था। कंपनी बुंदेलखंड के 5 जनपदों जिसमें झांसी, जालौन, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट के 634 गांव की 24,180 महिला किसानों को लाभ मिल रहा है। कंपनी राष्ट्रीय आजीविका मिशन और उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से वित्त पोषित है। उन्होंने बताया कि महिला किसानों के खाते में सरकार की ओर से योजना के शुरू होन के बाद से आज तक 84 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। जो सीधे महिला किसानों के खातों में गया है। बुंदेलखंड में वर्षभर दुग्ध बाजार की उपलब्धता और लघु एवं सीमांत दुग्ध उत्पादक महिला किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए इस योजना को शुरू किया गया था। दुधारू जानवरों की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर प्रवक्ता ने कहा कि योजना के तहत दुधारू जानवरों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए आवश्यक आधारभूत तकनीकी सुविधाओं जैसे उचित मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता का पशु आहार, क्षेत्र विशेष खनिज मिश्रण, कम पानी में पैदा होने वाला हरा चारा, बीज, नस्ल सुधार कार्यक्रम और पशु बांझपन निवारण शिविर भी कंपनी आयोजित करती है। उन्होंने कहा कि बलिनी प्रत्येक गांव में कम्प्यूटराइज्ड प्रणाली से दूध की खरीद का प्रबंध कर रही है। ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने में इसकी बड़ी भूमिका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *