बिहार सरकार ने लगभग 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को स्थायी कर्मचारी का दर्जा देने का फैसला किया
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने मंगलवार को राज्य के विभिन्न सरकारी स्कूलों में कार्यरत लगभग 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को स्थायी कर्मचारी का दर्जा देने का फैसला किया है। इस आशय का निर्णय मंगलवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में लिया गया।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के तुरंत बाद जिला परिषद, पंचायत समिति, ग्राम पंचायत, नगर परिषद और नगर पंचायत जैसे स्थानीय निकायों द्वारा नियुक्त किए गए ये संविदा पर कार्यरत शिक्षक स्थायी सरकारी कर्मचारी के साथ विशिष्ट शिक्षक के रूप में जाने जाएंगे।
सिद्धार्थ ने कहा कि स्थानीय निकायों द्वारा नियोजित और संबंधित स्थानीय निकाय शिक्षक नियम 2020 के तहत आने वाले संविदा शिक्षक ‘विशिष्ट शिक्षक’ बनने के हकदार होंगे, बशर्ते वे योग्यता परीक्षा पास कर लें।
सिद्धार्थ ने कहा कि इन विशिष्ट शिक्षकों को नया वेतनमान पाने और प्रोन्नति के लिए भविष्य में तीन मौका दिया जाएगा और उनमें से जो विभागीय परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो सकेंगे उनके बारे में सरकार बाद में निर्णय लेगी।
उन्होंने कहा कि परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इन शिक्षकों की वेतन संरचना को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार संशोधित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नये नियम के तहत संविदा शिक्षक हर आठ साल में प्रोन्नति के हकदार होंगे।
कैबिनेट ने इसके अलावा राज्य की नई पर्यटन नीति बिहार पर्यटन नीति 2023 को भी मंजूरी दे दी है जिसके अन्तर्गत राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आधारभूत संरचनागत, समग्र समावेशी विकास एवं निवेश को प्रोत्साहन देना है।
नई नीति के तहत सरकार राज्य में विश्व स्तरीय पर्यटन सुविधाओं का विकास करेगी। सरकार राज्य में पर्यटक स्थलों पर होटल, रेस्तरां और रिसॉर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए अनुदान और अन्य पर वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। बिहार कैबिनेट द्वारा मंगलवार को कुल 29 एजेंडों पर निर्णय लिया गया।