तराई क्रांति संगठन ने मनाई संत रविदास जयंती

 

रुद्रपुर……..

रविदास जयंती के अवसर पर तराई क्रांति संगठन के कार्यालय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष कमल श्रीवास्तव, केंद्रीय महामंत्री हरपिंदर सिंह खैरा, केंद्रीय सचिव सौरभ गंगवार, जिला महामंत्री कविता वर्मा एवं पदाधिकारियों ने संयुक्त रुप से संत रविदास जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर विधिवत रुप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय अध्यक्ष कमल श्रीवास्तव ने कहा आज संत रविदास जयंती है। इन्हें संत रविदास और भगत रविदास जी के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरु रैदास जी का जन्म माघ माह की पूर्णिमा तिथि को वर्ष 1398 में हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि जिस दिन रविदास जी का जन्म हुआ था उस दिन रविवार था। इसी के चलते इनका नाम रविदास पड़ा। गुरू रविदास जयंती को दुनियाभर के लाखों लोगों द्वारा बेहद ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। केंद्रीय सचिव सौरभ गंगवार ने कहा कोई भी व्यक्ति छोटा या बड़ा अपने जन्म के कारण नहीं बल्कि अपने कर्म के कारण होता है। व्यक्ति के कर्म ही उसे ऊंचा या नीचा बनाते हैं। किसी का भला नहीं कर सकते, तो किसी का बुरा भी मत करना, फूल जो नहीं बन सकते तुम, तो कांटा बनकर भी मत रहना। जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात, रैदास मनुष ना जुड़ सके, जब तक जाति न जात। इस अवसर पर जिला महामंत्री कविता वर्मा ने कहा संत रविदास की अपने काम के प्रति प्रतिबद्धता इस उदाहरण से समझी जा सकती है कि एक बार की बात है कि रविदास अपने काम में लीन थे कि उनसे किसी ने गंगा स्नान के लिए साथ चलने का आग्रह किया। संत जी ने कहा कि मुझे किसी को जूते बनाकर देने हैं यदि आपके साथ चला तो समय पर काम पूरा नहीं होगा और मेरा वचन झूठा पड़ जाएगा। और फिर मन सच्चा हो तो कठौती में भी गंगा होती है आप ही जाएं मुझे फुर्सत नहीं। यहीं से यह कहावत जन्मी मन चंगा तो कठौती में गंगा। इस अवसर पर केंद्रीय अध्यक्ष कमल श्रीवास्तव, केंद्रीय महामंत्री हरपिंदर सिंह खैरा, केंद्रीय सचिव सौरभ गंगवार, संगठन मंत्री शादाब गुड्डू, जिला महामंत्री कविता वर्मा, शेर सिंह राठौर, पूर्व सभासद रामकृष्ण कनौजिया, सुदेश जोहरी, गोपाल सिह गौतम, गोपाल भारती, शारदा गंगवार आदि लोग मौजूद थे।

 

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