पेयजल मंत्री चुफाल ने की जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक

देहरादून।

पेयजल मंत्री उत्तराखण्ड सरकार बिशन सिंह चुफाल द्वारा बुधवार को सचिवालय में जल जीवन मिशन की समीक्षा विडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से की गयी। समीक्षा बैठक में राज्य स्तर से सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता मिशन निदेशक / अपर सचिव, जल जीवन मिशन, प्रबन्ध निदेशक, उत्तराखण्ड पेयजल निगम मुख्य महाप्रबन्धक, उत्तराखण्ड जल संस्थान, मुख्य अभियन्ता, राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन एवं अन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। जनपदों से जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, पेयजल संस्थाओं के अधिशासी अभियन्ताओं एवं अन्य अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
जल जीवन मिशन के अन्तर्गत आतिथि तक कुल 15.18 लाख परिवारों के सापेक्ष 6.82 लाख परिवारों को पेयजल संयोजन प्रदान किया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों के 96 प्रतिशत विद्यालयों एवं 91 प्रतिशत आंगनबाडिय़ों को पेयजल से आच्छादित किया जा चुका है।
पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल द्वारा समस्त जिलाधिकारियों एवं उपस्थित अन्य अधिकारियों को जल जीवन मिशन के कार्यों को समयबद्ध रूप से गुणवत्ता एवं मानकों के अनुरूप कार्यो को सम्पादित करने हेतु निर्देशित किया गया।  उनके द्वारा यह भी निर्देशित किया गया कि ऐसी योजनायें जिनमें पेयजल की उपलब्धता मानकों से कम है के ।  ्रह्वद्दद्वद्गठ्ठह्लड्डह्लद्बशठ्ठ के प्राक्कलन प्राथमिकता पर तैयार कर स्वीकृत करवाये जाये। जनपदों में अवस्थित विद्यालयों, आश्रमशालाओं, आंगनबाडी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पंचायत घर आदि सार्वजनिक भवनों को दिनांक 02 अक्टूबर, 2021 तक पेयजल से आच्छादित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
इसके अतिरिक्त नाबार्ड कार्यक्रम में स्वीकृत तथा दीर्घकाल से अपूर्ण पेयजल योजनाओं को पूर्ण करते हुए विगत दो माह में जनता को निम्न पेयजल योजनाओं में पेयजल उपलब्ध कराया गया

1. जनपद रूद्रप्रयाग के अन्तर्गत जवाड़ी रौठिया ग्राम समूह पेयजल योजना अनु0 लागत रू0 1599.74 लाख की स्वीकृति वर्ष 2006 में राज्य सेक्टर ग्रामीण में दी गयी थी, वन भूमि की स्वीकृति लम्बित होने तथा स्थानीय विवाद के कारण योजना के कार्य वर्ष 2012 में प्रारम्भ हो सके थे। तत्पश्चात पाईप सामग्री की दरों में वृद्धि होने के कारण योजना की पुनरीक्षित लागत रू0 2539.53 लाख नाबार्ड कार्यक्रम में वर्ष 2018 में स्वीकृति प्रदान की गयी। योजना का स्रोत लस्तरगाड़ नदी से प्रमुख ग्रामों की दूरी लगभग 55 किमी0 है। योजना में 18 राजस्व ग्रामों की 52 बस्तियाँ सम्मिलित हैं तथा 10276 आबादी को लाभान्वित किया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में 9 ग्रामों की 24 बस्तियों को पेयजल सुचारू रूप से उपलब्ध हो गया है तथा 850 परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराया जा चुका है।

2. जनपद पौड़ी के अन्तर्गत विकासखण्ड कल्जीखाल की डांडा नागराजा पम्पिंग पेयजल योजना अनु0 लागत रू0 2648.49 लाख की स्वीकृति वर्ष 2012 में एन. आर. डी. डब्लू. पी. / नाबार्ड कार्यक्रम में दी गयी थी, उक्त योजना में 72 राजस्व गाँवों के 112 बस्तियाँ सम्मिलित हैं। योजना में समय-समय पर विद्युत व्यवधान एवं गंगा नदी में देवप्रयाग के समीप निर्मित इनटेकवैल में नदी में अत्यधिक सिल्ट आने के कारण पम्पिंग बाधित होने से उक्त योजना में सुचारू रूप से पेयजल उपलब्ध नहीं हो रहा था। वर्तमान में गुरुत्व स्रोत रांधीगाड़ से प्राप्त हो रहे 250 एल0पी0एम0 डिस्चार्ज को बढ़ाकर 600 एल0पी0एम0 किया गया, जिस कारण वर्तमान में पर्याप्त पम्पिंग करते हुए 70 ग्रामों को पेयजल आपूर्ति उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसमें से 02 ग्रामों में नई सडक़ निर्माण होने के कारण क्षतिग्रस्त पाईप लाईन को ठीक कराया जा रहा है।

3. जनपद टिहरी गढ़वाल के अन्तर्गत अकरी बारजूला ग्राम समूह पम्पिंग पेयजल योजना स्वीकृत लागत रू0 4770.17 लाख नाबार्ड कार्यक्रम में वर्ष 2015 में स्वीकृत की गयी थी। उक्त योजना में 42 राजस्व ग्रामों की 105 बस्तियों को पेयजल उपलब्ध कराने हेतु योजना वर्ष 2020 में पूर्ण की गयी, विगत कुछ वर्षो में क्षेत्र के अन्तर्गत निर्माण कार्यों के चलते एवं पर्वतीय क्षेत्रों में बादल फटने / दैवीय आपदा के कारण अलकनन्दा नदी में दिनांक 18.06.2021 को आयी बाढ़ के कारण अत्यधिक सिल्ट आने के कारण इन्टेक वैल से रॉ वाटर पम्पिंग को बार-बार बन्द करना पड़ रहा है, जिससे योजना पर सुचारू रूप से पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पाती है। वर्षा ऋतु में अलकनन्दा नदी में सिल्ट की अधिकता को देखते हुये योजना के समीप चन्द्रभागा गदेरे से अल्प समय में वैकल्पिक स्रोत से ट्रीटमेन्ट प्लान्ट तक रॉ वाटर की व्यवस्था की गयी है, जिससे योजना में सम्मिलित सभी ग्रामों में पेयजल उपलब्ध हो रहा है।

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