प्रेरकों ने काली पट्टी लगाकर किया साक्षरता दिवस का विरोध
कोरबा
साक्षरता मिशन में वर्षों प्रेरक का दायित्व निभाते हुए समाज को पूर्ण साक्षरता की ओर ले जाने वाले युवा पिछले तीन साल से बेरोजगार हैं। प्रदेश सरकार ने भी उन्हें सत्ता में आने पर शासकीयकरण करने का वादा किया थाए जो अधूरा है। वर्तमान में साक्षरता के लिए नया मिशन केंद्र सरकार और राज्य सरकार से संचालित किया जा रहा है। पिछले तीन साल से अपने भविष्य को लेकर चिंतित प्रेरकों ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर बुधवार को इसका विरोध करते हुए काला दिवस मनाया। शहर में रैली निकाली गई और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया।
आठ सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का प्रेरक संघ ने किया काला पट्टी लगाकर विरोध प्रदर्शित किया। कांग्रेस सरकार की घोषणा पत्र व टीएस सिंहदेव के लिखित पत्र को याद दिलाते हुए यह प्रदर्शन किया गया। प्रेरक संघ की ओर से शासन के समक्ष शिक्षा विभाग में संविलियन व पंचायत विभाग में संविलियन कर स्थाई रोजगार देने की मांग की। प्रदेश संगठन जिला सचिव रामकुमार चौहान ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस को पूरे छत्तीसगढ़ में प्रत्येक जिला मुख्यालय पर प्रेरक संघ की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया। संघ की प्रमुख मांगों को गंभीरता से रखते हुए प्रधानमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के नाम डिप्टी कलेक्टर पैकरा को ज्ञापन सौंपा गया। धरना स्थल पर प्रमुख रूप से जिला उपाध्यक्ष राम पटेल, करतला अध्यक्ष खुर्शीद बेगम, लक्ष्मी प्रजापति, उमा देवी, विभा रानी, प्यारी बारीक, पुर्णिमा साहू, अरुण सारथी, गंगा रात्रे, मनोज साहू, माया केंवट, महावीर चौहान, दिनेश चौहान, पूरन पटेल, शीला पटेल, शितपाल, प्यारी लाल राठिया, उमा गौरी, परमेन्द्र वानी, विजयपाल, हरवेंद्र, सुदर्शन, नागेश, संजय साहू, मंगल सिंह, लक्ष्मी निर्मलकर सहित बड़ी संख्या में जिले के प्रेरक उपस्थित रहे।