अर्चना चिटनीस और हर्षवर्धन सिंह चौहान के समर्थक प्रचार से दूर
भोपाल,।
अरुण यादव के चुनाव लडऩे के दौरान जिस तरह से कार्यकर्ता मैदान में होते थे वैसा अब नहीं दिख रहा है। खुद अरुण यादव भी अपने तरीके से कांग्रेस के चुनाव अभियान को पटरी से उतार रहे हैं। चुनावी सभाओं के दौरान यादव अपना दर्द बयान करते हैं या खुद को त्याग की प्रतिमूर्ति बताते हैं। हाल ही में कमलनाक की चुनाव सभा में उन्होंने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को डोकरी तक कह दिया। इसी दिन प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने का ऐलान किया था। कांग्रेस अपने महिला मतदाताओं को रिझाने के लिए प्रियंका गांधी के ऐलान को अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर रही थी कि अरुण यादव ने कमलनाथ के समक्ष केंद्रीय मंत्री को अपशब्द कहे। यह ठीक है कि उन्होंने इसके लिए निमाड़ी कहावत का उपयोग किया लेकिन कुल मिलाकर इससे कांग्रेस का चुनाव अभियान पटरी से उतर गया और भाजपा को मौका मिल गया। भाजपा ने तुरंत कांग्रेस पर महिला विरोधी होने का आरोप लगाया। अरुण यादव और उनके विधायक छोटे भाई सचिन यादव की नाराजगी तमाम प्रयासों के बावजूद कम नहीं हुई है। इसका असर कांग्रेस के चुनाव अभियान में देखने को मिल रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी राज नाराण सिंह का चुनाव अभियान बिल्कुल भी जोर नहीं पकड़ पा रहा है। इसके अलावा बड़वाह के विधायक सचिन बिरला और भीकनगांव विधायक झूमा सोलंकी के समर्थक भी चुनाव अभियान से दूर हैं। राज नारायण सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से खंडवा आने के लिए कहा है। सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह खंडवा का दौरा कर कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रचार अभियान में जुटने के लिए कह सकते हैं। भाजपा भी अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत को लगा सकती है। वैसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद खंडवा के चुनाव प्रभारियों से चर्चा कर समीक्षा कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यहां कांग्रेस की ओर से प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक और भाजपा के दोनों प्रभारी पी मुरलीधर राव और शिव प्रकाश आ सकते हैं। इनके अलावा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी खंडवा में चुनाव प्रचार के लए आने वाले हैं।