बुनयादी ज़रूरतों को पूरा कर रहे लखनऊ नगर निगम के रैन बसेरे

लखनऊ,

सर्दी का मौसम आते ही हर साल शहर में कई स्वयंसेवी संस्थाओं व नगर निगम द्वारा रैन बसेरों की व्यवस्था की जाती है।इसी कड़ी में तरूणमित्र संवाददाता ने शहरे में  विभिन्न स्थानों पर बने रैन बसेरों की व्यवस्था जानी।राजधानी के लक्ष्मण मेला मैदान में बने स्थाई रैन बसेरे में मौजूद व्यवस्था अधिकारी राज किशोर ने बताया कि इस रैन बसेरे में 20 लोगों के ठहरने की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है,पहले 50 लोगों का इंतेजाम था पर कोरोना के कारण अब संख्या कम कर दी है।यहां बेड,
चादर,कम्बल,तकिया तथा समान रखने के लिए अलमारियां,मनोरंजन के लिए टीवी और यहां पर ठहरने वालों के लिए कैरमबोर्ड,क्रिकेट किट,लूडो आदि
खेल समाग्री की पूरी व्यवस्था है।ठंड को देखते हुए यहां नहाने के लिए गीजर लगा हुआ है तथा शौचालय का इंतेजाम है,यहां साफ-सफाई के लिए बकायदा सफाई कर्मचारी रखा गया जोकि नियमित रूप से काम करता है।राज किशोर ने बताया कि यहां आने वालों के लिए रात के खाने की भी व्यवस्था उम्मीद संस्था द्वारा की गई है जिसमें रोटी,सब्जी,दाल चावल और मटरपुलाव व तहरी आदि दी जाती है।राज ने बताया कि आधार कार्ड या अन्य कोई भी आईडी प्रूफ देने पर 24 घन्टे में किसी भी वक्त बेसहारा लोगों को यहां प्रवेश दिया जाता है,यहां आने वाले सभी लोगों का पूरा डाटा सुरक्षित रखा जाता है।राज के अनुसार उम्मीद संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष बलवीर सिंह द्वारा शहर में करीब 8 जगहों पर ऐसे रैन बसेरों का संचालन किया जा रहा है।गौरतलब है कि दीनदयाल अन्त्योदय योजना,राष्ट्रीय शहरी अजीविका मिशन के उपघटक शहरी बेघरों के लिए योजनान्तर्गत संचालित यह आश्रय गृह है।नगर निगम व डूडा लखनऊ के सहयोग से उम्मीद संस्था द्वारा संचालित हो रहा है।वही राजधानी के परिवर्तन चौक स्थित रैन बसेरे में मौजूद दिवाकर सिंह ने बताया कि समाजसेवी मुकेश जिन्दल द्वारा शहर में अलग-अलग जगहों करीब 12 रैन बसेरे बनवाए गये है।जिसमें रात 7 बजे सुबह 7 बजे तक यहां ठहरने की नि:शुल्क
व्यवस्था है।आगे बताया कि परिवर्तन चौक पर बने रैन बसेरे में 20 लोगों के रूकने का इंतेजाम है।आधार कार्ड व अन्य एक कोई भी आईडी देकर बेसहारा लोग यहां ठंड के मौसम में रात गुजार सकते हैं जिससे उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत न हो। दिवाकर ने बताया कि यह रैन बसेरा अस्थाई रूप से टेंटनुमा बनाया गया है जिसमें गद्दे,
रजाई,तकिया और कम्बल तथा चाय-पानी की व्यवस्था भी रखी गई है।दिवाकर के अनुसार जिन्दल परिवार की ओर से नि:शुल्क रैन बसेरा ‘साथ आपका प्रयास हमारा’ स्लोगन के साथ संचालित किया जा रहा है।

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