बच्चों को सबसे पहली शिक्षा माँ की गोद से मिलती है

सुलतानपुर 9 जनवरी (आरएनएस)। जनाबे फातमा जहरा की याद में मजलिस का दौर शिया इलाकों में जारी है। भाईं के इमाम बाड़े में मजलिस हुई जिसको मौलाना कौसर जैदी ने खेताब किया “पढ़ी ” उन्होंने  कहा कि जनाबे फातमा जहरा ने आज से 1400 साल पहले नारी शिक्षा पर ज्यादा जोर दिया था कहा था कि माँ की गोद से ही बच्चा सबसे पहले ज्ञान हासिल करता है। माँ अगर शिक्षित होगी तो वह अपने घर को जन्नत बना सकती है। एक दिन वह बेटी के रूप में माँ बाप की सेवा करती है। पत्नी के रूप में पति की सेवा करती है। मॉ के रूप में बच्चों  की सेवा करती है। दुनिया में मॉ एक ऐसी नेमत है जिसका कोई कर्ज अदा नहीं कर सकता। बेटा कितना ही बुरा हो लेकिन माँ उसे कभी बुरा नहीं कहती। माँ भूखी सो जाती है लेकिन बच्चे को भूखा नहीं रहने देती। आजके दौर में हम सब को मॉबाप की सेवा करना सबसे ज्यादा जरूरी है। आज के इस मार्डन जमाने में हम माँ बाप का खयाल नहीं रखते हमें  सोचना चाहिए कि जीवन भर जिसने अपना खून जला कर इतनी मेहनत से पाला है उसे हम छोड़ दें। तो कितना बड़ा धोखा है। हर इनसान को यह सोचना चाहिए कि यह दिन हमें भी देखना है हम जैसा बरताव अपने माँ बाप के साथ करेंगे तो आने वाली नस्ल इसे देख कर हमारे साथ भी वैसा ही बरताव करेगी। इस पर सभी धर्मों ने ज्यादा जोर दिया है यह जानकारी  हैदर अब्बास खान अध्यक्ष हुसैनी शिया वेलफेयर एसोसिएशन सुलतानपुर ने दी है।

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