UP: गौ संरक्षण केंद्रों को रोजगार का बड़ा जरिया बनाने की तैयारी में योगी सरकार
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गौ संरक्षण केंद्रों को योगी सरकार ग्रामीण रोजगार का बड़ा जरिया बनाने जा रही है. योजना है प्रदेश भर के 5000 से ज्यादा गौ संरक्षण केंद्रों में स्थानीय लोगों की सहभागिता बढ़ाकर उन्हें रोजगार से जोड़ा जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों के साथ हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं. योजना की मंशा है कि उत्तर प्रदेश के 5150 गौ संरक्षण केंद्र निराश्रित गौ वंश के साथ बेरोजगार ग्रामीणों का भी सहारा बनेंगे. गौ संरक्षण से जुड़ी योजनाओं से स्थानीय लोगों को सीधे जोड़ा जाएगा.
योजना के अनुसार गौ संरक्षण केंद्र व आश्रय स्थलों की देखभाल के साथ ही गौवंश के स्वास्थ्य, टीकाकरण और स्वच्छता में स्थानीय लोगों को सहभागी बनाया जाएगा. गोबर, गौ मूत्र से बनने वाली चीजों के साथ ही गौ संरक्षण केंद्रों के आसपास वृक्षारोपण और उनकी देख भाल का काम भी स्थानीय लोगों के जरिये किया जाएगा. राज्य सरकार अनुदान के आधार पर भी गो वंश के लिए नए संरक्षण केंद्र बना रही है. प्रदेश में 11.84 लाख निराश्रित गोवंश हैं. सरकार द्वारा 5150 अस्थायी निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल संचालित हैं. ग्रामीण इलाकों में 187 से ज्यादा बड़े गौ-संरक्षण केंद्र बनाए गए हैं. शहरी इलाकों में कान्हा गौशाला और कान्हा उपवन के नाम से 400 गौ-संरक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं. अब तक 5 लाख 21 हज़ार गौवंशों को संरक्षित किया गया है. गौ पालकों को गौ संरक्षण केन्द्र के लिए सरकार प्रति 2 एकड़ की ज़मीन पर 1 लाख 20 हज़ार रुपए का अनुदान दे रही है. गौ संरक्षण केन्द्रों पर पशुओं के लिए शेड, पेयजल आदि आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी. हर महीने डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर के माध्यम से पशु पालक के बैंक खाते में प्रतिदिन की दर से पशु के भरण-पोषण के लिए 30 रुपए की धनराशि प्रति गोवंश हस्तांतरित कराई जायेगी. संरक्षण केंद्र चलाने वाले व्यक्ति को गोवंश के गोबर, मूत्र और दूध आदि से अतिरिक्त कमाई भी हो सकेगी, जिससे कई स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को गौ आश्रय स्थलों के संचालन में स्थानीय जनता को सहभागी बनाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अफसरों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि गौ आश्रय स्थलों को दी जाने वाली धनराशि समय पर पहुंच जाए. राज्य सरकार ने पशुओं की नस्ल सुधार की दिशा में भी काम किए जाने की आवश्यकता जताई है.