मेघचंद्र सिंह बने मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष
नई दिल्ली ,
हाल के विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए एन. लोकेन सिंह के मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के दो हफ्ते बाद अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नए प्रदेश अध्यक्ष, चार कार्यकारी अध्यक्षों, कोषाध्यक्ष, पांच उपाध्यक्षों और कार्यकारी समिति के 14 सदस्यों की नियुक्ति की।
कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कीशम मेघचंद्र सिंह के साथ नए राज्य इकाई प्रमुख के रूप में नियुक्ति की सूचना दी।
मणिपुर में पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए चार कार्यकारी अध्यक्षों को भी नियुक्त किया गया था, जो 2002-2017 से लगातार 15 वर्षो तक कांग्रेस द्वारा शासित था। वे टी. मंगा वैफेई, मोहम्मद फजूर रहीम, विक्टर कीशिंग और जे. देवव्रत सिंह हैं।
इनमें से तीन नए चेहरे हैं, जबकि देवव्रत सिंह पिछली समिति में उपाध्यक्ष थे। नागा नेता विक्टर कीशिंग पूर्व मुख्यमंत्री और अनुभवी नागा नेता रिशांग कीशिंग के बेटे हैं।
14 सदस्यीय कार्यकारिणी में पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, पूर्व उपमुख्यमंत्री गायखंगम, पूर्व मंत्री एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष टी. हाओकिप, दिग्गज नेता मोइरंगथेम ओकेंद्रो और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एन. लोकेन सिंह को समायोजित किया गया।
पांच राज्यों में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद मणिपुर पहला राज्य है जहां कांग्रेस की राज्य इकाई का पुनर्गठन किया गया है।
कांग्रेस किसी भी राज्य में उचित संख्या में सीटें जीतने में विफल रही और एक अपमानजनक हार में पंजाब को आम आदमी पार्टी (आप) से हार गई।
चुनाव में पराजय के तुरंत बाद सोनिया गांधी ने पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा के राज्य प्रमुखों को अपने पदों से हटने के लिए कहा था और पार्टी की हार के कारणों का अध्ययन करने के लिए पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया था।
मणिपुर में 54 उम्मीदवारों को मैदान में उतारने वाली कांग्रेस ने 60 सदस्यीय विधानसभा में केवल पांच सीटें जीतीं, जिसमें उसके कई मौजूदा विधायकों को धूल चटा दी।
हालांकि, तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह और उनके बेटे सुरजाकुमार ओकराम ने क्रमश: थौबल और खंगाबो निर्वाचन क्षेत्रों से जीत हासिल की।