संदल व चादर मजार पर चढ़ा कर सज्जादानशीन ने मांगी अमन शांति की दुआ

सीतापुर,

खैराबाद स्थानीय दरगाह हाफिजिया अस्लमिया में चिश्तिया सिलसिले के सुप्रसिद्ध सूफी बुजुर्ग व हजरत ख़्वाजा सुलेमान तौंसवी अलैहिर्रहमा के ख़लीफा (शिष्य) सय्यदुस सादात हजरत हाफिज़ मोहम्मद अली शाह अलैहिर्रहमा उर्फ बड़े हाफिज साहब का 177 वां पांच दिवसीय सालाना उर्स के पहले दिन रात में दरगाह हजरत छोटे मख़दूम साहब से संदल शरीफ व चादर सज्जादानशीन हाजी सैय्यद फुरकान मियां की सरपरस्ती में उठाई गई उसके बाद दरगाह में देर रात तक महफिले समा क़व्वाली हुईं और तत्पश्चात मजार पर संदल अर्पित कर देश में अमनो अमान सुख व शांति के लिए सज्जादानशीन ने दुआ की तत्पश्चात कार्यक्रम समाप्त हो गया। इस अवसर पर दरगाह के मीर कव्वाल गुफरान, फरीद व अनस आदि ने सूफियाना कलाम पेश किया। उपस्थित सज्जादानशीन में हजरत शाह मजा कलन्दर लहरपुर के सैय्यद गयास मियां,बड़े हाफिज साहब के खालीफा( शिष्य) हजरत सरदार बेग अलैहिर्रहमा हैदराबाद के सज्जादानशीन जुबैर नवाब, उनके साथी खुर्शीद अहमद, हमीद अहमद, बुलंदशहर के इलियास अहमद, तेलंगाना से एक काफिला सय्यद पल्ली साहब के नेतृत्व में आया। इसके अतिरिक्त बड़े हाफिज साहब के एक अन्य खलीफा (शिष्य) जिनकी मजार कस्बा के नई बाजार में स्थिति है। हाफिज मुन्ना शाह अलैहिर्रहमा के एजाज हसन खान, फफूंद शरीफ के सज्जादानशीन मौलाना हाजी सैय्यद अख्तर मियां चिश्ती तथा गजाली मियां, मतवल्ली दरगाह सैय्यद इरफान वहीद हाशमी, कारी इस्लाम अहमद आरफी, सलमी मियां, फरजान मियां, फरहान मियां, इमरान सिद्दीकी, फरमान मियां, मौलाना सैय्यद अजहर मियां चिश्ती, मौलाना सैय्यद गुलाम हाफिज मियां, फैजान मियां, कारी फय्याज अहमद,आदि उपस्थित रहे। सज्जादानशीन सैय्यद फुरकान मियां ने कहा कि हम लोगों को अपने बुजुर्गों की शिक्षा पर पूरी तरह से अमल करना चाहिए साथ ही हमे सबसे पहले एक अच्छा इंसान बनना होगा क्योंकि इंसानियत ही से मनुष्य बड़ा बनता है न कि धन दौलत से हाशमी ने कहा कि जब हम अच्छा सद ब्यवहार रखेंगे तो लोगों को उससे फायदा ही पहुचेगा और तभी हम तरक्की कर पाएंगे।

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