औषधि आश्चर्यजनक कार्य करने में सक्षम
गोरखपुर
डा०अशोक कुमार गौतम( प्र० चि० अधि०) रा०आयु०चि०, जैनपुर, गोरखपुर ने बताया है कि गिलोय के रूप में प्रकृति ने हमें एक ऐसा वरदान दिया है जिसके द्वारा हम आज ना सिर्फ कोविड-19 वायरस के प्रभाव से अपने आप को बचा सकते हैं अपितु शरीर में उत्पन्न होने वाले विभिन्न रोगों में यह औषधि आश्चर्यजनक कार्य करने में सक्षम है। लैटिन भाषा में इसका नाम टीनोस्पोरा कोर्डीफोलिया है इसको संस्कृत में गुडूची, अमृतबल्ली ,छिन्ना, मधुपर्णी , कुंडलिनी आदि नामों से भी जाना जाता है। मराठी में इसे गुलबेल, गुजराती और पंजाबी में गलों नाम से भी जाना जाता है। यह बड़ी लता रूपी मोटी झाड़ी है जो नीम, आम आदि विभिन्न पौधों पर लता के रूप में पसरा हुआ हमारे आसपास सर्वत्र आसानी से उपलब्ध है इस पर पीले हरे रंग के फूल झुंड में लगते हैं पत्ते कोमल पान के आकार के तथा फल मटर के दाने जैसे होते हैं। यह लता कभी सूखती नहीं है और ना ही कभी नष्ट होती है।जिस वृक्ष पर चढ़ती है उस वृक्ष के कुछ गुण भी अपने अंदर समाहित कर लेती है इसीलिए नीम वृक्ष पर चढ़ी गिलोय को श्रेष्ठ माना जाता है।इसमें गिलोइन नाम का एक कड़वा ग्लूकोसाइड तथा तीन प्रकार के एल्कोलाइट होते हैं इसमें एक प्रमुख क्षाराभ बर्बेरीन पाया जाता है। यह त्रिदोष शामक, हृदय को बल देने वाला ,रक्त विकार तथा पांडु रोग में गुणकारी है। कास, दौर्वल्य ,प्रमेह,मधुमेह त्वचा के रोगों में तथा कई प्रकार के ज्वर में उत्तम कार्य करता है। गिलोय सूक्ष्मतम विषाणु समूह से लेकर स्थूल कृमियो तक पर अपना प्रभाव दर्शाता है। गिलोय का रस जिर्ण ज्वर का नाश करता है। गिलोय स्वरस 20 ग्राम में 1 ग्राम पिप्पली चूर्ण तथा एक चम्मच मधु मिलाकर सुबह सायं प्रयोग करने से जीर्ण ज्वर, कास, अरुचि प्लीहा रोग आदि नष्ट होते हैं। गिलोय के स्वरस में पाषाणभेद का चूर्ण 2 ग्राम मिलाकर एक चम्मच शहद के साथ दिन में तीन चार बार चाटने से मूत्रकृच्छ रोग मिटता है। गिलोय के रस का गुड़ के साथ सेवन करने से कब्ज मिटता है, मिश्री के साथ सेवन करने से पित्त के उपद्रव शांत होते हैं, मधु के साथ सेवन करने से कफ मिलता है, सोंठ के साथ सेवन करने से आमवात नष्ट होता है, काली मिर्च और उष्ण जल के साथ सेवन करने से हृदय शूल मिलता है। कोविड-19 के कम लक्षण वाले रोगियों में भी आयुष मंत्रालय द्वारा संशमनी वटी के नाम से इसे प्रयोग करने हेतु अनुमति प्रदान की गई है।