चित्रकूट जेल गैंगवार में मारे गए मुकीम काला पर 61 मुकदमे, कैसे बना मोस्ट वांटेड? पढ़िए पूरी कहानी
लखनऊ
चित्रकूट जेल में हुए गैंगवार में मारे गए मुकीम काला पर 61 आपराधिक मुकदमे हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक वेस्ट यूपी के कैराना में पलायन का मुख्य आरोपी मुकीम काला था। बता दें, कैराना समेत आसपास के इलाकों में आतंक का पर्याय बना कुख्यात मुकीम उर्फ काला 6 साल पहले अन्य मजदूरों के साथ मकान निर्माण में चिनाई मिस्त्री के साथ मजदूरी करता था।
मुकीम काला ने पहली वारदात हरियाणा के पानीपत में एक मकान में डकैती के रूप में अंजाम दी। इस मामले में मुकीम काला जेल गया था। उसके बाद उसने अपराध की दुनिया में अपने कदम आगे बढ़ा दिए। मुकीम काला का खौफ वेस्ट यूपी के अलावा हरियाणा के पानीपत और उत्तराखंड के देहरादून में भी फैला है। मुकीम का गैंग पुलिस के रडार पर तब आया जब इन्होंने पुलिस पर भी हमले करने शुरू कर दिए। पुलिस के अनुसार, दिसबंर 2011 में पुलिस एनकाउंटर में मुस्तफा उर्फ कग्गा मारा गया जिसके बाद मुस्तकीम काला ने कग्गा के गैंग की बागडोर संभाल कर वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया।
मुकीम काला के गैंग में डेढ़ दर्जन से अधिक बदमाश शामिल रहे और उन्होंने ताबड़तोड़ दो वर्षों में ही हत्या, लूट, रंगदारी समेत कई जघन्य वारदातों को अंजाम दे दिया। मुकीम काला ने अपने साथियों के साथ एक के बाद एक कई वारदात किए, लेकिन कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पुलिस ने उसे कई बार पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गया। पिछले साल अक्तूबर में पुलिस ने मुकीम काला को उसके साथी साबिर के साथ गिरफ्तार किया।शामली पुलिस के अनुसार, मुकीम काला को गिरफ्तार करने के बाद सहारनपुर जेल में रखा गया था। लेकिन बाद में उसे महाराजगंज जिले की जेल में और बाद में चित्रकूट जेल भेजा गया। पुलिस के अनुसार, वर्तमान में मुकीम काला पर करीब अलग-अलग थानों में करीब 61 अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। मुकीम काला गिरोह का काम लूट, हत्या, डकैती और जबरन रंगदारी वसूलना है।