ओजोन परत पृथ्वी का रक्षा कवच

पौड़ी। राठ महाविद्यालय पैठाणी में कला संकाय विभागीय परिषद के तत्वावधान में ओजोन दिवस के अवसर पर छात्रों के साथ परिचर्चा के साथ व्याख्यान का आयोजन हुआ। इस दौरान वक्ताओं ने विभिन्न जानकारियां छात्र-छात्राओं को दी। महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्राचार्य डा. जितेंद्र नेगी ने कहा कि वर्तमान वर्ष की थीम के तहत मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के अनुसार हमे ओजोन परत को सुदृढ़ एवं जलवायु परिवर्तन को कम करना है, लेकिन उसका पालन पूर्ण रूप से नही हो रहा है। विकसित देश एजेंडे के तहत क्लोरो फ्लोरो कार्बन के अधिक उत्सर्जन के लिए विकासशील देशों को जिम्मेदार बता रहे हैं। इसी के तहत अब वो मीथेन गैस को ज्यादा हानिकारक बता रहे हैं। कहा कि ऐसी स्थिति में ओजोन परत लगातार कमजोर होती जा रही है, और आने वाले समय में मानव में त्वचा रोग, वनस्पति में जहरीले तत्वों के प्रवेश और सी फूड में इसका बहुत अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा। वहीं, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय थलीसैंण में नमामि गंगे, रसायन विभाग व वनस्पति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ओजोन दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में वनस्पति विभाग प्रभारी डा. छाया सिंह ने कहा कि ओजोन परत पृथ्वी का रक्षा कवच है। यह पृथ्वी के जीवन की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से रक्षा करता है। भूगोल विभाग प्रभारी डा. नीरज असवाल ने इस वर्ष ओजोन दिवस के विषय ओजोन परत को ठीक करना व जलवायु परिवर्तन को कम करना पर विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर प्रभारी प्राचार्य डा. जेसी भट्टख् डा. सुधीर सिंह रावत, डा. विकास प्रताप सिंह, डा. धर्मेन्द्र यादव, डा. विनोद कुमार, डा. शिवानी धूलिया, डा. मीनू बुटोला आदि शामिल रहे।

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