उत्तराखंड के लिए आपदा मुआवजा राशि बढ़ाई जाए : महेंद्र भट्ट

देहरादून

राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने सदन में चर्चा के दौरान बुधवार को उत्तराखंड के लिए आपदा राहत राशि बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए राज्य को मानकों में बदलाव का अधिकार भी दिया जाए।राज्यसभा में बोलते हुए भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड एवं अन्य पर्वतीय राज्यों के लिए आपदा मुआवजा राशि बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तहत बाढ़, भूस्खलन और भूकंप में होने वाली क्षति पर मिलने वाली प्रतिपूर्ति की राशि बहुत कम है। उन्होंने कहा कि राज्य में बार बार आपदा आने के कारण लोगों को विस्थापित करना बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। आपदा में क्षतिपूर्ति दर इतनी कम होती है कि प्रभावितों को इससे न्यायोचित आर्थिक राशि नहीं मिल पाती। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में मट्टी और पत्थर से बने पहाड़ी शैली के मकान मानकों के अनुसार पक्के मकान की श्रेणी में नहीं आते और पूरा परिवार मुआवजे से वंचित रह जाता है। इसी तरह भूस्खलन की वजह से असुरक्षित हो चुके मकान भी मुआवजे की श्रेणी में नहीं आ पाते। छोटी जोत के खेत भी मानकों पर फिट नहीं बैठते। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को स्थानीय जरूरतों के आधार पर मानकों में बदलाव का अधिकार दिया जाना चाहिए। ताकि लोगों को आपदा की सूरत में उचित मुआवजा मिल सके।
4000 हजार गांवों को संचार सुविधा से जोड़ा जाए
महेंद्र भट्ट ने सदन में उत्तराखंड में मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य के 6000 गांवों को संचार सुविधा से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन अभी तक 2000 के आसपास गांव ही इस सुविधा से जुड़ पाए हैं। उन्होंने कहा कि शेष गांवों को भी जल्द इस सुविधा से जोड़ा जाए। उन्होंने ऐसे क्षेत्रों में 4जी और 5जी सुविधा शुरू करने की भी मांग की।

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