पशुओं को हरा चारा उपलब्ध कराया जाय:डॉ जेपी सिंह
लखनऊ।
स्थानीय विकासखण्ड के पशु आश्रय केंद्रों में संरक्षित गौवंशों की दशा अत्यंत दयनीय है। पशुओं को खाने के लिए चारा व पीने का पानी परिसर में बिखरा हुआ गोबर प्रचंड धूप से बचने के लिए टीन शेड पशुओं के लिए मौत का पैगाम देती हैं। इससे कई पशु मर चुके हैं तथा कई पशु बीमार है।जिसको लेकर ‘तरुणमित्र’ ने अपने 24 जुलाई के अंक में ‘बीकेटी के पशु आश्रय केंद्रों में पशु बेहाल प्रधान व सचिव खुशहाल’ शीर्षक से प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था।जिसका तत्काल संज्ञान लेकर जिला स्तरीय नोडल अधिकारी डॉ जेपी सिंह ने बुधवार को पशु आश्रय केंद्र इटौंजा, महोना व अन्य पशु आश्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। जहां पर उन्हें कई कमियां मिली।जिसका उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए अपने अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिया कि पशुओं को हरा चारा उपलब्ध कराया जाए। इसके अलावा भूसे का पर्याप्त भंडारण रखा जाए। पशु आश्रय केंद्र में साफ सफाई रखी जाए। जिससे पशु बीमार ना हो सके। कीचड़ में पशुओं को न रखा जाए। इसके लिए पर्याप्त टीन शेड की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि बीमार पशु का तत्काल इलाज कराया जाए। जिससे पशु स्वस्थ्य रह सके। पशुओं को करने के लिए बाहर न छोड़ा जाए।