अंधकार को ज्ञान प्रकाश से दूर करते शिक्षक

ललितपुर।

शिक्षक दिवस पर जिलाधिकारी अन्नावि दिनेशकुमार की अध्यक्षता में जनपद के माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाचार्य/शिक्षकों का सम्मान समारोह राजकीय इण्टर कॉलेज में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में राज्यमंत्री मनोहर लाल, सदर विधायक रामरतन कुशवाहा, जिला पंचायत अध्यक्ष कैलाश निरंजन एवं मण्डलायुक्त अजय शंकर पाण्डेय की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का शुभारंभ मंचासीन अतिथियों के द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुआ। साथ ही मंचासीन अतिथियों का स्वागत करते हुए राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज की छात्राओं ने स्वागत गीत भी प्रस्तुत किया। डीआईओएस ने बताया कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित डा.सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी में हुआ था। उन्हीं की याद में इस तारीख को हम शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शिक्षक को अच्छे शिक्षक के रुप में अपने दायित्वों को पूर्ण कराना चाहिए। तभी हमारे देश के बच्चों का विकास सम्भव है। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी के दौरान पठन-पाठन कार्य बाधित रहा, किन्तु फिर भी शिक्षकों ने ऑनलाइन शिक्षण कार्य किया है। सरकार द्वारा शिक्षण कार्य को सुदृढ़ बनाये जाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा को आगे बढ़ाने में गुरु की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसलिए प्रत्येक शिक्षक को गंभीरतापूर्वक अपने विद्यालय में पठन-पाठन कार्य करना चाहिए। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि शिक्षक दिवस हमें इस बात का स्मरण कराता है कि हमारी प्रत्येक उपलब्धी के पीछे एक शिक्षक का योगदान है। उन्होंने कहा कि कोरोना में शिक्षक एवं विद्यार्थियों का सम्पर्क परिवर्तित रहा, परन्तु वर्तमान युग डिजिटलीकरण का युग है, जिसमें शिक्षक एवं विद्यार्थी ऑनलाइन माध्यम से पठन पाठन का कार्य कर रहे है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक वर्ष शिक्षक दिवस के दिन शिक्षकों के सहयोग को स्मरण करने का अवसर प्राप्त होता है। मेरे विद्यार्थी समय में मेरी शिक्षिका का नाम कमला बाई था, जिन्होंने मेरे जीवन को नई दिशा प्रदान की, इसी प्रकार मेरे सभी शिक्षकों द्वारा दी गई शिक्षा ने आज मुझे इस स्थान पर पहुंचाया है। राज्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में उसका प्रथम गुरु उसके माता-पिता एवं प्रथम पाठशाला उसका घर होता है। शिक्षा एवं शिक्षक का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। गुरु का योगदान प्रत्येक व्यक्त्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इसलिए गुरु का सम्मान विश्व का सबसे बड़ा सम्मान है। गुरु की प्रेरणा ही व्यक्ति के जीवन में विकासात्मक परिवर्तन लाती है। मण्डलायुक्त ने कहा कि शिक्षक दिवस की जनपद के शिक्षकों को हार्दिक शुभकामनाएं। शिक्षक दिवस देश के प्रथम उप राष्ट्रपति के सम्मान में मनाया जाता है। हमारे देश में गुरु का स्थान परमेश्वर के समकक्ष रखा गया है। शिक्षक बच्चों को किताबी ज्ञान देने के साथ-साथ सामाजिक ज्ञान देने का कार्य भी करें। पढ़ाई से हटकर दिया गया ज्ञान छात्र के जीवन में प्रभाव दिखाता है। उन्होंने कहा कि अधिकार का अर्थ दूसरों के कष्ट को दूर करना होता है, हमारे किसी भी कार्य से दूसरों को हानि नहीं होनी चाहिए। हमारे अंदर अपनी कमियों को स्वीकार करने की क्षमता होनी चाहिए। आज इस अवसर पर सम्मान प्राप्त करने वाले शिक्षक इस सम्मान को बरकरार रखें, यह आपका महत्वपूर्ण दायित्व है। इसके उपरान्त मंचासीन अतिथियों द्वारा माध्यमिक विद्यालयों कार्यरत उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रधानाचार्यों/शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इस दौरान एसपी निखिल पाठक, सीडीओ, एडीएम नमामि गंगे, डीआईओएस, बीएसए, प्रधानाचार्य राइका सहित विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य एवं शिक्षक उपस्थित रहे।

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