हुगली में योगी का यूपी माडल

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ भाजपा के स्टार प्रचारक हैं। पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल क्षेत्र हुगली में गत 2 मार्च को योगी ने कहा कि बंगाल में जय श्रीराम के नारे को प्रतिबंधित करने का काम किया जा रहा है, जबकि भारत की जनता राम के बगैर कोई काम नहीं करती है। योगी ने अपनी स्वाभाविक कड़क शैली में कहा कि जो लोग रामद्रोही हैं, उनका बंगाल में कोई काम नहीं है। टीएमसी के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित रूप से एक बुजुर्ग महिला को पीटने के मामले पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि अपराधी अगर अपराध करता है तो पुलिस का काम है, अपराधी को सजा देना। राज्य में जब बीजेपी की सरकार बनेगी तो टीएमसी और लेफ्ट के गुंडे जान की भीख मांगेंगे। उस समय की खातिर हम सबको अपने आपको तैयार करना होगा। योगी ने कहा, बंगाल की मौजूदा सरकार घुसपैठियों को बाहर करने की बात पर तिलमिला जाती है। ये सरकार केंद्र सरकार की किसी भी योजना का लाभ जनता को देने में फेल है। बंगाल में आज भी इंसेफ्लाइटिस का प्रकोप रहता है और राज्य सरकार इसे छुपाने का काम करती है। हमने उत्तर प्रदेश में ऐसा काम किया है कि वहां व्यापक परिवर्तन हुआ है। यूपी में हमने हर गरीब के घर में शौचालय बना दिया है। साफ पानी पहुंचा दिया है और उत्तर प्रदेश में अब इंसेफ्लाइटिस से कोई मौत नहीं होती है। उन्होंने कहा कि बंगाल की मौजूदा सरकार को पता है कि अगर केंद्र की योजनाओं का लाभ जनता को मिला तो वोटबैंक नहीं बन पाएगा। यही वजह है कि बंगाल में किसान सम्मान निधि को लागू नहीं होने दिया गया। इस प्रकार योगी आदित्य नाथ ने पश्चिम बंगाल में भाजपा के गुजरात माडल की जगह भाजपा का यूपी माडल पेश किया है। योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को भी भाजपा का माडल बनाना चाहते हैं। यहां पर ध्यान देने की बात है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व पश्चिम बंगाल प्रदेश प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में गुजरात माडल को चुनावी मुद्दा बनाने की बात कही थी।
हुगली में अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरूआत करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ममता बनर्जी को सलाह देते हुए कहा कि एक सरकार उत्तर प्रदेश में थी, जो रामभक्तों पर गोलियां चलाती थी। उनका क्या हाल हुआ, वही हाल बंगाल में होने वाला है। उन्होंने कहा कि राज्य में जय श्रीराम के नारे को प्रतिबंधित किया जाता है और सरकार मौन बनी रहती है। बंगाल के अंदर दुर्गापूजा को प्रतिबंधित किया जाता है और सरकार मौन बनी रहती है। सवाल ये है कि आज बंगाल कहां पर है? मौजूदा वक्त में यहां गरीबी है, बदहाली है, अराजकता है। सत्ता प्रायोजित अपराध और आतंकवाद ना केवल यहां की सुरक्षा पर संकट है, बल्कि देश की सुरक्षा को भी चुनौती देते हुए दिखाई दे रहा है। योगी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार बनने के बाद टीएमसी के गुंडे जान की भीख मांगेंगे जैसे यूपी में अब गुंडों व माफियाओं के लिए कोई जगह नहीं बची है।
मालदा मुस्लिमों का इलाका माना जाता है। बताते हैं फुरफुरा शरीफ दरगाह का बंगाल के मुस्लिम समाज पर काफी गहरा प्रभाव है। यह दरगाह मुस्लिम वोट बैंक का गेमचेंजर माना जाता है। लेफ्ट फ्रंट सरकार के समय इसी दरगाह की मदद से ममता बनर्जी ने सिंगूर और नंदीग्राम जैसे बड़े आंदोलन कर सत्ता हासिल की थी। साल 2011 में ममता बनर्जी की धमाकेदार जीत के पीछे मुस्लिम वोटरों का बड़ा योगदान था। बंगाल की 294 सीटों में 90 से ज्यादा सीटों पर इस वोटबैंक का सीधा प्रभाव है। कुछ महीनों पहले पीरजादा अब्घ्बास सिद्दीकी का ममता बनर्जी से मतभेद हो गया। सिद्दीकी ममता पर मुस्लिमों की अनदेखी का आरोप लगाते आए हैं। इसलिए योगी का प्रचार अभियान यहां काफी महत्त्व रखता है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मालदा में ममता बनर्जी सरकार पर करारा हमला बोलते हुए इस तरह के मुद्दे भी उठाए और कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार न तो लव जिहाद रोक पा रही है और न गौ तस्करी पर लगाम लग रही है। उन्होंने कहा कि ममता सरकार तुष्टिकरण के काम में लगी है। योगी ने कहा कि जो सरकार गरीबों, किसानों और युवाओं के लिए काम नहीं करती है, उसे एक क्षण भी सत्ता में बने रहने का अधिकार नहीं है। मालदा की सभा में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये जनसैलाब बंगाल में परिवर्तन का साक्षी बनेगा।
मालदा में योगी आदित्यनाथ का प्रचार अभियान इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बीच अंदरूनी तकरार तेज हो गई है। कांग्रेस नेतृत्घ्व से नाराज ‘जी 23’ में शामिल सीनियर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने बंगाल में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) को कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन में शामिल किए जाने पर तगड़ा प्रहार किया है। ऐसे में जिस पीरजादा पर कांग्रेस बंगाल के चुनावी रण में दांव लगाने जा रही थी, वही कांग्रेस संगठन में बड़ी समस्या बन गए हैं। पीरजादा को पश्चिम बंगाल के चुनावी रण में तवज्जो भी दी जा रही है। पीरजादा सिद्दीकी पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में फुरफुरा शरीफ दरगाह के प्रमुख हैं। मुस्लिम वोटरों में उनकी अच्छी खासी पहुंच हैं। बंगाल में लगभग 31 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं. ऐसा कहा जाता है कि राज्य में मुस्लिम वोटर जिस पार्टी की तरफ झुका, सत्ता लगभग उसके हाथ में ही पहुंचती है। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि हर पार्टी पीरजादा को इतनी तवज्जो क्यों दे रही है।
सीएम ममता बनर्जी के करीबी और राज्य की सत्ता के मंच पर उन्हें बैठाने में अहम किरदार निभाने वाले पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान हाल ही में किया था। ममता बनर्जी से नाराज होकर कुछ समय पहले उन्होंने अपनी नई पार्टी बना भी ली थी। माना जा रहा है कि पीरजादा सिद्दीकी के इस फैसले से सबसे बड़ा नुकसान सीएम ममता बनर्जी को पहुंच सकता है।
फुरफुरा शरीफ दरगाह का बंगाल के मुस्लिम समाज पर काफी गहरा प्रभाव है। यह दरगाह मुस्लिम वोट बैंक का गेमचेंजर माना जाता है। पीरजादा अब्घ्बास सिद्दीकी का ममता बनर्जी से मतभेद हो गया है। सिद्दीकी ने ममता पर मुस्लिमों की अनदेखी का आरोप लगाया।
कांग्रेस से गठबंधन से पहले बीती जनवरी में पीरजादा से एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी मुलाकात की थी। उस समय ओवैसी ने दावा किया था कि उन्हें फुरफुरा शरीफ के मौलाना पीरजादा का समर्थन हासिल है। बाद में ओवैसी की पार्टी के साथ आईएसएफ की बात नहीं बनी तो वह कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन में शामिल हो गई। इस तरह भाजपा के लिए हुगली में विजय अभियान का मार्ग योगी आदित्य नाथ ने बना दिया है। इसके साथ है उत्तर प्रदेश का रुतबा भी वहां कायम हो गया। (हिफी)

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