पीएम मोदी के जन्मदिवस पर ’बेरोज़गार दिवस’ मना कर युवाओं ने जताया आक्रोश
लखनऊ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन को देश के युवाओं ने राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस के रुप में मना कर साबित कर दिया है कि वे अब बीजेपी के जुमलों की असलियत को समझ चुके हैं। उत्तर प्रदेश में भी भीषण बेरोजगारी के शिकार होकर हताशा में डूबा युवा वर्ग अब योगी सरकार के ख़लिाफ़ लामबंद हो चुका है जिसका असर अगले चुनाव में दिखाई पड़ेगा।उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सचिन रावत ने कहा कि आज प्रदेश चौतरफा अव्यवस्था से जूझ रहा है। विकास अवरुद्ध है। जनता आर्थिक रुप से टूट चुकी है। छात्र, नौजवान बेरोजगारी की मार झेल रहे है। भाजपा और मुख्यमंत्री योगी ने पिछले चुनाव से पहले प्रदेश की जनता से घूम-घूमकर पाँच साल में 70 लाख यानि 14 लाख रोज़गार प्रतिवर्ष देने का वादा किया था, पर साढ़े 4 साल बीत जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी खुद 4 लाख रोजगार देने की बात कर रहे हैं, हालाँकि इसमें भी आँकड़ों की हेराफेरी की गयी है। कांग्रेस पार्टी ने आ0टी0आई के माध्यम से सरकार से सवाल पूछा था कि 4 लाख रोजगार किन विभागों में दिये गये हैं। सरकार का जवाब आया कि डाटा उपलब्ध नहीं है। योगी सरकार बड़ी-बड़ी होर्डिंग लगाकर रोज़गार देने का झूठा प्रचार कर रही है। हक़ीक़त ये है कि प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति बहुत भयावह है।कांग्रेस प्रवक्ता सचिन रावत ने बताया कि सेन्टर फॉर मानिटरिंग इंडियन इकोनामी (CMIE) ने कहा है कि नौकरी पेशा व्यक्तियों की कुल संख्या जुलाई में लगभग 40 करोड़ से घटकर अगस्त में 39.7 करोड़ हो गयी। विशेष रुप से 13 लाख नौकरियों का नुकसान अकेले ग्रामीण भारत में हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बेरोजगारी की दर तेजी से बढ़ी है। बेरोजगारी दर अगस्त में बढ़कर 8.32 फ़ीसदी हो गयी है जो जुलाई में 6.95 फ़ीसदी थी। आकड़ों से पता चलता है कि बेरोजगारी अगस्त में बढ़कर 9.78 हो गयी।कांग्रेस प्रवक्ता सचिन रावत ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2018 के मुकाबले 2019 में बेरोजगारी दोगुनी हुई है। विधानसभा में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने लिखित जवाब में माना था कि 2018 में बेरोजगारी दर 5.92 प्रतिशत थी जो 2019 में बढ़कर 9.97 प्रतिशत हो गई। योगी सरकार न विभागीय नौकरियाँ उपलब्ध करा पायी है और न प्रदेश में नये कारखाने या उपक्रम ही लगे हैं। जब रोजी रोटी की चिन्ता से परेशान युवा सड़क पर उतरकर नौकरी मांगता है, अटकी भर्ती घोषित करने की मांग करता है तो भाजपा के नेता कुत्ता पालने, खिलौना बनाने, पकौड़ा तलने की सलाह देते है। इससे यह साफ होता है कि भाजपा नेतृत्व का शिक्षा, रोजगार और युवाओं के भविष्य से कोई सरोकार नहीं है। इनके कार्यकाल में शिक्षक भर्ती, दरोगा भर्ती, होम्योपैथिक भर्ती, फार्मासिस्टों की भर्ती, यू0पी0एस0सी0 भर्तियां, सब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी। न्याय व रोजगार के लिए भटकते बेरोजगारों पर सरकार लाठियां चलवाकर और फर्जी मुकदमे दर्ज कर बर्बरता का परिचय दे रही है। चयनित अभ्यर्थी अदालतों के चक्कर लगाने पर मजबूर हैं। योगी सरकार अपने बयानों से नौजवानों के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने का काम भी करती नौजवान सबकुछ देख रहा है। वह कुछ भूलेगा नहीं और प्रियंका गाँधी के नेतृत्व में अगले चुनाव में बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकेगा।