ग्रामीण क्षेत्र के 14 रेतघाट शुरू, शहर के घाटों को स्वीकृति का इंतजार

कोरबा ।

रेत उत्खनन और परिवहन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से लगी प्रतिबंध की समय सीमा 15 अक्टूबर के बाद समाप्त हो चुकी है। इसके बावजूद शहरी क्षेत्र के रेत घाटों का संचालन शुरू नहीं हुआ है। ग्रामीण क्षेत्र के 14 घाटों की शुरुआत की गई है। नियमानुसार शहर के गेरवा, भैसामुड़ा, छुरी और सीतामढ़ी घाट संचालन को दो साल पूरा हो चुका है। जिसके लिए खनिज विभाग नए सिरे से ठेका नीलामी जारी करने की जगह नवीनीकरण प्रक्रिया अपना रही है।
इसके लिए ठेकेदारों ने अभी तक दस्तावेज जमा नही किया है। समय पर घाट की शुरुआत नही होने से रेत माफिया मनमानी बढ़ गई है। शहर के रेत घाटों में अवैध उत्खनन और परिवहन का बोलबाला है। मानसून लगभग समाप्त हो चुका है और नदी घाटों से जल स्तर भी कम हो चुकी है। अभी तक घाटों को शुरू करने की अनुमति जिला खनिज विभाग से जारी नहीं की गई है। घाटों से अवैध उत्खनन तब भी जारी था जब नदी नालों में बरसाती पानी प्रवाह चल रहा था। घाट शुरू नहीं करने के पीछे रायल्टी पर्ची बगैर रेत निकासी को बढ़ावा देना साबित हो रहा है। ठेकेदार अपने घाटों को शुरू कराने की फिक्र में लगे हैं। उधर रेत माफिया अपने मनचाहे अघोषित घाटों से रेत निकाल रहे हैं। शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र में भी अवैध उत्खनन और परिवहन का बोलबाला था। ग्रामीण क्षेत्र में घाट शुरू होने से शहर में रेत चोरी बढ़ गई है। समय रहते घाटों का संचालन नहीं होने से खनिज को न केवल राजस्व की चपत हो रही बल्कि नदी और नालों के तटों में मिट्टी का अवैध कटाव हो रहा है। जिले में बीते वर्ष 18 घाटों के संचालन को अनुमति दी गई थी। इनमें 14 ग्रामीण क्षेत्र के है घाटों को का नवीनीकरण होना है, इनमें कुछ ऐसे घाट हैं जिनका ठेका मार्च महीने के बाद हुआ। लिहाजा इनके लिए नवीनीकरण की जरूरत नही है। रेत के अलावा मिट्टी और मुरूम जैसे गौण का उत्खनन शुरू हो गया। सरकारी सड़क और भवन निर्माण के लिए भी गौण खनिज का अवैध उत्खनन मनमानी तौर पर जारी है। रेतघाट संचालन में हो रही देरी के कारण भंडारण का काम धड़ल्ले से हो रहा है। शहर में निर्माण सामानों के सप्लायर रेत भंडारित का काम अब भी रहे हैं। शहर के निकटवर्ती गांवों में सप्लायरों ने डिपो बना लिया है। मांग के आधार पर घाट से नहीं बल्कि भंडारण स्थल से आपूर्ति होती है। मामले में खनिज विभाग से कार्रवाई नहीं किए जाने माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *