शिवलिंग पर मत्था टेकते ही निकल गए महिला के प्राण
गोरखपुर
महाशिवरात्रि के पावन पर्व देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों की कतार लगी थी. भोर से ही भक्त हाथ में फल-फूल लिए भगवान शिव के दर्शन के लिए खड़े थे, ताकि उनसे अपने और अपने परिवार के अच्छे भविष्य की कामना कर सकें. लेकिन उन लाखों श्रद्धालुओं में से एक महिला ऐसी थीं, जो शायद सिर्फ भगवान के दर्शन के लिए ही सांसें ले रही थीं और शिवलिंग के सामने मत्था टेकते ही दुनिया छोड़ कर चली गईं।
घटना गोरखपर के हैरया गांव की है, जहां महाशिवरात्रि के मौके पर एक 60 वर्षीय महिला पूजा करने के लिए शिव मंदिर पहुंचीं और भगवान के सामने मत्था टेका. लेकिन फिर सिर नहीं उठाया. लोगों ने देखा कि उनके शरीर में कोई हरकत भी नहीं हो रही थी. भगवान के आगे सिर झुकाते ही उनके प्राण निकल गए. यह घटना गांव में चर्चा का विषय बन गई है. बताया जा रहा है कि वृद्ध महिला गांव के शिव मंदिर पर रोज की ही तरह सुबह 4.00 बजे जल चढ़ाने गई थीं. वहां उन्होंने पूजा की, फिर शिवलिंग को पकड़कर मत्था टेका और अचेत हो गईं. परिजनों ने देखा तो आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल में डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
हैरया गांव के 65 वर्षीय जमुना प्रसाद कसौधन मृतक महिला के पति हैं. वह भी विभक्ति देवी के साथ ही भगवान का जलाभिषेक करने गए थे. उनके पोते रमेश कुमार ने मीडिया को बताया कि उसकी दादी मत्था टेकने के बाद वापस नहीं उठीं. दादाजी ने कई बार उन्हें आवाज भी लगाई, लेकिन उनके शरीर में कोई हलचल नहीं हुई. जब विभक्ति देवी की तरफ से कोई आवाज नहीं आई तो, जमुना प्रसाद ने उन्हें छुआ. तब पता चला कि उनके प्राण निकल चुके हैं. विभक्ति देवी को छूते ही वह एक तरफ गिर गईं. मंदिर में चीख-पुकार मच गई, जिसे सुनकर आस-पास के लोग भी वहां पहुंचे और विभक्ति देवी को बाहर निकाल कर अस्पताल ले जाया गया।
जानकारी के मुताबिक, जमुना प्रसाद के दो बेटे और 3 बेटियां हैं. परिजनों ने बताया कि विभक्ति देवी बचपन से ही शिव भक्ति में लीन रहती थीं. ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन, भगवान के सामने उनकी मौत होने से लोग हैरत में हैं. हालांकि, इसे शुभ भी मान रहे हैं।