योगी सरकार के 5 काम बंगाल-असम में आएंगे काम
लखनऊ
पश्चिम बंगाल से लेकर केरल तक पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी ने इसके लिए अपने स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी कर दी है. इस लिस्ट में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी शामिल हैं. हालांकि, लिस्ट के जारी होने से पहले भी वह केरल और पश्चिम बंगाल में विपक्षी पार्टियों को चुनौती दे चुके हैं. उनके भाषण में कुछ ऐसे मुद्दे देखने को मिल रहे हैं, जिन पर जमकर चर्चाएं हो रही हैं. हम आपको पांच ऐसे ही मुद्दों के बारे में बता रहे हैं, जिस पर योगी सरकार ने काम किया है और ये अन्य राज्यों के चुनावों में भाजपा को फायदा पहुंचा सकते हैं।
सबसे पहला कदम है गुंडों पर सख्ती- उत्तर प्रदेश में छत्ब् के प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने सड़क पर तोड़-फोड़ की थी. इसको लेकर योगी सरकार ने ना सिर्फ उन लोगों के पोस्टर लगाए, बल्कि नुकसान के एवेज में वसूली भी की. जब मामला कोर्ट में गया, तो सरकार ने निजी संपत्ति क्षति वसूली कानून बनाया. इसके जरिए सार्वजनिक सामान को नुकसान पहुंचाने वालों से प्रशासन वसूली करता है. इसके अलावा योगी सरकार गुंडों और माफियाओं की अवैध कब्जों वाली संपत्तियों को भी जब्त कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक सरकार 950 करोड़ की संपत्ति जब्त या ध्वस्त की जा चुकी है. इस मुद्दे का असर बंगाल चुनाव में देखने को मिल सकता है, क्योंकि वहां लॉ एंड ऑर्डर सबसे बड़ा मुद्दा है. बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान भी वहां हिंसा और खराब लॉ एंड ऑर्डर की खबरें सामने आ चुकी हैं।
इसके साथ दी कोरोना काल में काम- कोरोना वायरस के प्रबंधन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने चारों ओर तारीफें हासिल की हैं. भारत सरकार ने अपने बजट के दौरान भी यूपी मॉडल का जिक्र किया. इसके अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन भी योगी सरकार की तारीफ कर चुका है. वहीं, केरल में एक बार फिर कोरोना का प्रकोप बढ़ता दिख रहा है. यह भी एक ऐसा मुद्दा है, जिसके जरिए भाजपा चुनाव में फायदा उठा सकती है। पिछले कुछ सालों में लव जिहाद भी बड़ा चुनावी मुद्दा बनकर उभर के सामने आया है. खासकर भाजपा के लिए यह उन कोर मुद्दों में शामिल है, जिसको लेकर वह काफी बातें करती है. देश में पहली बार योगी सरकार ने इस मुद्दे को कानून की शक्ल देते हुए उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध कानून (लव जिहाद कानून) बनाया. योगी अपने चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं. खासकर महिला सम्मान और सुरक्षा का नजरिया देते हुए. वहीं, अगर चुनावी राज्यों की बात करें, तो बंगाल में 49 फीसदी महिला वोटर्स हैं. टीएमसी और भाजपा दोनों ही इनको अपने पाले में लाना चाहती हैं।
एक मुद्दा रोजगार का भी है। रोजगार हर चुनाव में बड़ा मुद्दा होता है. खासकर कोरोना काल में भारी संख्या में लोगों के रोजगार खत्म हुए हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इसे मिशन के तौर पर लिया. नवंबर में सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, योगी सरकार ने 23 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया है.वहीं, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक उत्तर प्रदेश डैडम् के जरिये रोजगार देने वाले राज्यों में टॉप 5 में शुमार हुआ है. वहीं, बंगाल और असम जैसे राज्यों में रोजगार बड़ा मुद्दा है. खासकर पश्चिम बंगाल में उद्योग-धंधे उस स्तर पर नहीं हैं, जैसे अन्य बड़े राज्यों में हैं. यहां भी योगी सरकार का ये काम भाजपा के लिए तुरुप का इक्का बन सकता है। और राम मंदिर तो ट्रम्प कार्ड है हालांकि, राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हो रहा है, लेकिन योगी सरकार जिस तरीके से इसे मुद्दा बना रही है, वह भाजपा के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. खासकर बंगाल में ममता बनर्जी को श्रीराम के नारे से समस्या रही है. वहीं, योगी कहीं भी जाएं, इस मुद्दे को लेकर विपक्ष पर निशाना साधने से नहीं चूकते हैं. इस बात का भी जिक्र करते हैं कि कैसे संवेदनशील मुद्दे पर कानून व्यवस्था को भी बिगड़ने नहीं दिया गया।