इस साल 115 कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर से किया पलायन: सरकार

नई दिल्ली।

पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों पर हुए हमले और कश्मीरी पंडितों को फिर निशाना बनाने की घटनाओं के बीच 115 कश्मीरी पंडितों ने कश्मीर छोड़ दिया। ये सभी कश्मीरी पंडित अपने-अपने परिवार के साथ जम्मू चले गए।
यह जानकारी केंद्र सरकार ने राज्यसभा में दिए गए एक लिखित जवाब में दी और बताया कि जो कश्मीरी पंडित कश्मीर छोडक़र जम्मू चले गए वे सभी सरकारी कर्मचारी हैं। सरकार ने बताया कि सर्दियों की शुरुआत में अक्सर सरकारी कर्मचारी कश्मीर से पलायन करके सरकारी कामकाजों, पढ़ाई व अन्य वजहों ने जम्मू में रहने लगते हैं।
आतंकी घटनाओं में कमी
जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशनों का असर काफी हद तक दिखाई देने लगा है। यही कारण है कि जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ व आतंकी घटनाओं में कमी आई है। केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि जम्मू कश्मीर में 2018 के बाद से घुसपैठ और आतंकवादी घटनाओं में कमी आई है। आंकड़ों के अनुसार 2018 में घुसपैठ की कुल 143 घटनाएं हुईं थीं। जबकि साल नवंबर तक केवल 28 घुसपैठ की घटनाएं दर्ज की गईं हैं। गृह मंत्रालय ने बताया कि 2018 में 417 आतंकवादी घटनाएं दर्ज की गई थीं, जबकि इस साल(21 नवंबर तक) 244 आतंकी घटनाएं हुई हैं। इतना ही नहीं अक्तूबर 2020 से अक्तूबर 2021 तक सुरक्षा बलों के 32 और जम्मू-कश्मीर पुलिस के 19 जवानों ने अलग-अलग घटनाओं में अपनी जान गंवा दी। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में सरकार ने बताया है कि इस साल अब तक घुसपैठ के सिर्फ 28 ही मामले दर्ज किए गए हैं, जो कि बीते सालों की तुलना में काफी कम हैं।
सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं चरमपंथी
सरकार ने राज्यसभा में बताया कि वामपंथी और चरमपंथी सुरक्षा बलों पर अवसरवादी हमले करते हैं। ये सभी सार्वजनिक सम्पत्तियों को भी निशाना बनाते हैं। सरकार ने राज्यसभा में आंकड़े पेश करते हुए बताया कि 2009 के मुकाबले चरमपंथियों द्वारा की गई घटनाओं में 70 प्रतिशत तक कमी आई है। 2009 में 2,258 घटनाएं हुईं थीं। वहीं 2020 में 665 घटनाएं सामने आई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *