4 महीने बाद जागी बिहार पुलिस, मंत्री रामसूरत राय के भाई-भांजे के खिलाफ वारंट के लिए दी अर्जी
मुजफ्फरपुर ………
बिहार सरकार के भूमि एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय के कथित स्कूल से शराब बरामद होने के बाद से मामला तूल पकड़ता जा रहा है. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जिस तरीके से इस मुद्दे को सदन के अंदर और बाहर उठाया उसके बाद से राजनैतिक सरगर्मी बढ़ गई है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि इस मामले में बिहार की पुलिस जिस तरीके से पेश आई है, उससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. हालांकि, अब पुलिस नींद से जागी है।
जानकारी के अनुसार, बोचहां थाना पुलिस ने शराब मामले में 4 महीने बाद बिहार सरकार के भूमि एवं राजस्व मंत्री रामसूरत राय के भाई हंस लाल राय और भांजे सुजीत कुमार समेत 10 फरार आरोपियों के खिलाफ मुजफ्फरपुर के विशेष उत्पाद कोर्ट में वारंट की अर्जी दी है. दरअसल, बिहार विधानसभा में विपक्ष द्वारा मामला उठाए जाने के बाद मुजफ्फरपुर की बोचहां थाना पुलिस की कार्रवाई में तेजी आई है।
बोचहां थानाध्यक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीते 8 नवंबर को स्कूल परिसर से लगभग 816 कार्टन अवैध शराब और कई गाड़ियां जब्त की गई थी. जिसमें मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. वहीं, दो अन्य की गिरफ्तारी अलग से हुई थी. इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया है. फरार 10 आरोपियों के खिलाफ विशेष उत्पाद कोर्ट में गिरफ्तारी वारंट के लिए अर्जी दी गई है. ैैच् जयंत कांत ने बताया कि पुलिस मामले में कार्रवाई कर रही है. फरार 10 आरोपियों के खिलाफ उत्पाद कोर्ट से वारंट लेने के लिए पुलिस ने अर्जी दी है. जैसे ही वारंट मिलेगा पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर देगी, अन्यथा फरार आरोपियों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उठता है कि 4 महीने बीतने के बाद जब मामला बिहार विधानसभा में उठा, तब पुलिस गिरफ्तार करने के लिए सजग हुई. इससे पहले पुलिस प्रशासन की तरफ से कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई. ये पुलिस की इसी लेटलतीफी का जीता-जागता उदाहरण है, कि शराब कारोबारी धड़ल्ले से अपने धंधे को बिना किसी डर के अंजाम दे रहे हैं।