मुकदमा दर्ज करने की बजाय पीडि़ता ने थाना प्रभारी पर अपमानित करने का लगाया आरोप  

कानपुर

सरकार चाहे कितना भी दिशा निर्देश जारी कर ले,लेकिन अधिकारी इन निर्देशों की अवहेलना करने से बाज नहीं आ रहे है। ऐसा ही एक मामला चकेरी थाने में सामने आया। जहां दुष्कर्म पीडि़ता को न्याय दिलाने की बजाय थाना प्रभारी उसे अपमानित करते हुए बोले आठ माह क्यों रही उसके साथ ?
चकेरी निवासी युवती ने बताया बीते एक साल पहले उसकी दोस्ती इलाके के एक युवक से हुई थी। जिसने शादी का झांसा देकर कई बार शारीरिक संबंध बनाए। इस दौरान वह किराए का कमरा लेकर उसके साथ रहने लगा। इस बीच बीती दो जनवरी शादी का दबाव बनाने पर उनके बीच झगड़ा हो गया। इसके बाद वह बिना बताए घर से चला गया। काफी समय बीतने के बाद भी जब वह वापस नहीं लौटा तो उन्होंने तलाश शुरू की। इस दौरान किसी तरह उसके घर पहुंचने पर उन्हें जानकारी हुई कि वह पहले से शादीशुदा है। साथ ही उसके दो बच्चे भी है। घटना के बाद उन्होंने आरोपित के खिलाफ चौकी,थाने से लेकर आलाधिकारियों तक शिकायत की। साथ ही महिला आयोग व मुख्यमंत्री पोर्टल में भी शिकायत की।
आरोप है कि उनका मुकदमा लिखने की बजाय चौकी प्रभारी सुखराम रावत बोलते हैं शरीयत के अनुसार एक से अधिक पत्नी रखना तो जायज है। अगर उस पर कार्रवाई कराना चाहती तो तुम उसे खुद ढूंढ कर लाओ। हम लोग चुनाव में व्यस्त है। वहीं मंगलवार को एसीपी कैंट मृगांक शेखर पाठक से मामले की शिकायत करने पर उन्होंने थाना प्रभारी को कार्रवाई के आदेश दिए। जिसके बाद थाने से फोन आने पर वह पहुंची। जहां थाना प्रभारी मधुर मिश्रा ने मुकदमा दर्ज करने की बजाय उन्हें अपमानित करते हुए बोले आठ माह क्यों रही उसके साथ। वहीं मामले में थाना प्रभारी मधुर मिश्रा ने बताया कि उनके द्वारा दुष्कर्म पीडि़ता से कोई अभद्रता नहीं की गई है। महिला कांस्टेबल नहीं होने पर उन्होंने उसे सुबह आने के बोला था।

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