छात्रा के खिलाफ फर्जी एफआईआर, एसपी का तबादला और दो निलम्बित
लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बस्ती में एक छात्रा को परेशान करने के मामले में बड़ा एक्शन लिया है। छात्रा के खिलाफ फर्जी केस दर्ज करने के मामले में बस्ती के कोतवाल तथा आरोपित दारोगा को निलम्बित करने के साथ ही कार्रवाई करने में शिथिलता बरतने पर एसपी बस्ती का तबादला कर दिया गया है।
बस्ती के बहुचर्चित पोखरभिटवा मामले में आज बड़ी कार्रवाई की गई है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने बस्ती के एसपी हेमराज मीणा को हटाकर डीजीपी मुख्यालय में एसपी के पद पर तैनाती दी है। एसपी अभिसूचना मुख्यालय आशीष श्रीवास्तव को एसपी बस्ती के पद पर भेजा गया है। माना जा रहा है उन्होेंने मामले में उचित कार्रवाई नहीं की और युवती की शिकायत को अनदेखा किया गया। इसके साथ ही आरोपित दारोगा दीपक कुमार सिंह और कोतवाल रामपाल यादव को निलंबित कर दिया गया है। एसपी मीणा के स्थान पर आशीष श्रीवास्तव को बस्ती का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। इसके साथ ही बस्ती कोतवाली के इंस्पेक्टर रामपाल यादव तथा छात्रा को परेशान करने के आरोपित दारोगा दीपक सिंह को निलंबित किया गया है।
बस्ती में छात्रा से फोन पर वार्ता के दौरान दारोगा दीपक सिंह के अभद्रता करने के साथ ही छात्रा के खिलाफ फर्जी केस दर्ज करने के मामले के तूल पकड़ते ही एडीजी गोरखपुर अखिल कुमार ने मामले का संज्ञान लिया। अखिल कुमार ने शनिवार को बस्ती का रुख किया और मामले की प्रारंभिक जांच के बाद ही निष्कर्ष निकाल दिया। एडीजी अखिल कुमार अचानक बस्ती पहुंचे और कमिश्नर अनिल कुमार सागर के साथ युवती के गांव गए। यहां दारोगा दीपक कुमार सिंह पर लगाए गए आरोपों और युवती के स्वजन पर दर्ज मुकदमों की जांच की। युवती और उसके स्वजन के साथ ही गांव के अन्य लोगों के बयान लिए गए। इसके बाद यह कार्रवाई की गई। एडीजी गोरखपुर अखिल कुमार के आदेश पर गोरखपुर के आदेश पर रामपाल यादव तथा दीपक सिंह को निलंबित कर दिया गया। दीपक सिंह ने फोन पर युवती ने प्यार का इजहार किया था। एक तरफा प्यार का छात्रा के इनकार करने पर दीपक सिंह ने बदले में ताबड़तोड़ कार्रवाई के तहत छात्रा पर आठ केस दर्ज किए। इतना ही दारोगा ने छात्रा के परिवार के लोगों के खिलाफ फर्जी केस दर्ज कर दिए थे।